7 दिनों तक गुजरात में  भारी बारिश की संभावना

अरब सागर में बने लो प्रेशर का आज दबाव बढ़ कर डिप्रेशन में बदलने का अनुमान

7 दिनों तक गुजरात में  भारी बारिश की संभावना

अहमदाबाद । अरब सागर में बने लो प्रेशर के शुक्रवार को डिप्रेशन में बदलने की संभावना है, जिसके कारण आगामी 7 दिनों तक गुजरात में कहीं सामान्य तो कहीं-कहीं बिजली की चमक और बादलों की गड़गड़ाहट के साथ भारी बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी दी है। गुरुवार शाम और रात तेज हवा के साथ हुई बारिश के कारण राजकोट, अमरेली, भरूच सहित कई जिलों में पेड़ और होर्डिंग्स गिर गए थे। हवा की गति इतनी तेज थी कि मकानों की खिड़कियों के शीशे टूट गए।

मौसम विशेषज्ञ परेश गोस्वामी ने बताया कि अरब सागर में बन रही प्रणाली की गति शुरू हो गई है। फिलहाल यह एक मजबूत लो प्रेशर है, जो आगे चलकर डिप्रेशन में बदल सकती है। हालांकि तूफान का खतरा टल गया माना जा सकता है, फिर भी महाराष्ट्र और गुजरात के अंदर सामान्य से ज्यादा बारिश की संभावना बनी हुई है। गुजरात के कई हिस्सों में भारी बारिश होगी और बारिश के साथ तेज हवा, बिजली की चमक एवं बादलों की गड़गड़ाहट होगी। इसका सबसे अधिक प्रभाव दक्षिण गुजरात के जिलों में देखने को मिल सकता है। 30 मई तक राज्य में बारिश जारी रहने की संभावना है।

दूसरी ओर अहमदाबाद स्थित मौसम विभाग के अधिकारी के अनुसार शुक्रवार को गुजरात के नर्मदा, भरूच, सूरत, डांग, नवसारी, वलसाड, तापी और दमन, दादरा और नगर हवेली में कहीं-कहीं और सौराष्ट्र के जिलों राजकोट, जूनागढ़, अमरेली, भावनगर, गिर सोमनाथ और दीव में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। सूरत शहर में गुरुवार-शुक्रवार रात तेज हवा के साथ कई क्षेत्रों में बारिश हुई। रात ढाई बजे के करीब आंधी-तूफान शुरू हुआ। इससे जहांगीरपुरा क्षेत्र के कोड़ियार माताजी मंदिर के पास शादी का मंडप तूफान की चपेट में आकर गिर गया। बारिश और तेज हवा के कारण मंडप को नुकसान पहुंचा है। हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई। कई जगहों पर पेड़ों के गिरने की भी सूचना है।

वहीं, भरूच के लिमड़ी चौक इलाके में स्थित दरगाह के अंदर वर्षों पुराना नीम का पेड़ गिर गया। भरूच शहर और कई तहसीलों में तूफान के साथ देर रात जमकर बारिश हुई, जिससे बिजली की आपूर्ति प्रभावित हुई। भावनगर में बारिश की संभावना के बीच देर रात बिजली चमक के साथ बूंदाबांदी हुई। वडोदरा में देर रात तूफान जैसी तेज हवा चलने से कई इलाकों में बिजली सप्लाई बाधित हुई। तेज हवा से झोपड़पट्टी वालों के झोपड़े उड़ गए। मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी दी है। जो मछुआरे समुद्र में गए हैं, उन्हें वापस लौटने का निर्देश दिया गया है।

मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार 25 मई को हल्की से मध्यम तूफान के साथ बिजली के साथ 45-55 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से 65 किलोमीटर प्रति घंटे तक की तेज हवा चलेगी। साथ ही नर्मदा, भरूच, सूरत, डांग, नवसारी, वलसाड, तापी, दमन, दादरा नगर हवेली जैसे कहीं-कहीं और सौराष्ट्र के जिलों राजकोट, जूनागढ़, अमरेली, भावनगर, गिर सोमनाथ और दीव में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इसके अलावा 26 मई को बिजली चमक के साथ 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से तेज हवा चलेगी, जिसमें मध्यम तूफान के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। इसके अंतर्गत नर्मदा, भरूच, सूरत, डांग, नवसारी, वलसाड, तापी, दमन, दादरा नगर हवेली जैसे कहीं-कहीं और सौराष्ट्र के जिलों राजकोट, जूनागढ़, अमरेली, भावनगर, गिर सोमनाथ और दीव में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।

वलसाड जिला डिजास्टर तहसीलदार हकुभाई ककलोतर ने कहा कि 28 मई तक भारी बारिश और तेज हवा का पूर्वानुमान है। जिला स्तर पर कंट्रोल रूम शुरू कर दिया गया है। जिला उत्पन्न बाजार समिति और सरकारी गोदाम में अनाज का नुकसान नहीं हो, इसके लिए अग्रिम तैयारी की गई है। तेज हवा की आशंका को लेकर होर्डिंग उतारने का आदेश दिया गया है। वलसाड जिले की अलग-अलग तहसीलों में 71 मिलीमीटर (मिमी) बारिश हो चुकी है।

गुरुवार रात राजकोट, अमरेली, और सुरेंद्रनगर जिलों में मौसम में बदलाव आया। राजकोट तहसील, गोंडल और अमरेली के वड़िया में तेज हवा के साथ बारिश हुई। गोंडल और राजकोट शहर में तेज हवा के कारण कई पेड़ और होर्डिंग्स गिर गए। हवा की गति इतनी तेज थी कि खिड़कियों के शीशे टूट गए। दूसरी ओर राज्य में तूफान और अचानक बारिश की पूर्व सूचना के देखते हुए किसानों में चिंता व्याप्त है। सूरत जिले के ओलपाड तहसील सहित आसपास के गांवों के कई किसान बारिश से निपटने के लिए तत्काल कदम उठा रहे हैं। तैयार धान की फसल के खराब होने से बचाने के लिए बड़ी संख्या में किसान अनाज लेकर नजदीकी कृषि मंडियों में पहुंच रहे हैं। हाल ही में सूरत में दो दिनों की भारी बारिश से किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है। बाकी फसल को नुकसान न पहुंचे इसलिए वे कृषि मंडियों में जा रहे हैं। एक ही दिन में कृषि मंडी में 80 हजार बोरी की आवक दर्ज हुई है।

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