इतने दिन से राम बिना प्राण के थे क्या: RJD विधायक फतेह बहादुर सिंह

इतने दिन से राम बिना प्राण के थे क्या: RJD विधायक फतेह बहादुर सिंह

पटना। बिहार के जमुई पहुंचे आरजेडी के विधायक फतेह बहादुर सिंह ने अयोध्या में होने वाले भगवान राम के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर विवादित बयान दे दिया है। फतेह बहादुर सिंह ने कहा है कि पूरे देश में अंधविश्वास फैलाया जा रहा है। 22 तारीख को पत्थर में प्राण डाले जाएंगे। राम में प्राण डाले जाएंगें। इतने दिन से राम बिना प्राण के थे क्या, उनके अंदर प्राण नहीं था क्या? आरजेडी विधायक के इस बयान पर खासा विवाद देखने को मिल रहा है।

"अयोध्या में राम मंदिर का अवशेष मिला ही नहीं"
विधायक फतेह बहादुर सिंह ने कहा कि बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किए जाने के बाद अयोध्या में राम मंदिर का अवशेष मिला ही नहीं। इस बात की पुष्टि सुप्रीम कोर्ट भी करती है। उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद ध्वस्त होने के बाद अयोध्या में हुई खुदाई में सम्राट अशोक और गौतम बुद्ध के काल के अवशेष मिले न कि रामायण काल के।

"जिस दिन मंदिर की भीड़ विद्यालय की तरफ मुड़ेगी..."
आरजेडी विधायक आगे बोले कि सावित्री बाई फुले ने 170 साल पहले कहा था और उसी बात को भीम राव अंबेडकर ने भी कहा था कि शिक्षा वह शेरनी का दूध है जो पियेगा वह दहाड़ेगा और जिस दिन मंदिर की भीड़ विद्यालय की तरफ मुड़ेगी, उस दिन भारत को महान बनने से कोई रोक नहीं सकता है। अगर उनका कथन गलत है तो यह (बीजेपी) कह दें कि सावित्री बाई फुले, बाबा भीम राव अंबेडकर गलत हैं। लेकिन कह नहीं सकते हैं। इन लोगों का एजेंडा ही है मनुवाद का, पाखंडवाद का ,अंधविश्वास का। इन सारी बातों को जो मेरा बयान कहकर चला रहे हैं, वह देश के लोगों को गुमराह कर रहे हैं।

22 जनवरी को अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा
गौरतलब है कि 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य राम मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा करवाएंगे। इस मौके पर देशभर की दिग्गज राजनीतिक और धार्मिक हस्तियों का राम की नगरी में जमावड़ा रहेगा। इतनी ही नहीं उस खास दिन पर पूरे देश से हजारों की संख्या में श्रद्धालु भी अयोध्या पहुंच रहे हैं। इसके लिए केवल राम मंदिर ही नहीं, बल्कि पूरी अयोध्या नगरी को ही बेहद भव्य रूप में सजाया गया है। 

 

Tags:

About The Author

Tarunmitra Picture

‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

अपनी टिप्पणियां पोस्ट करें

टिप्पणियां

Latest News

जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल हो सकती है खत्म, देर रात तक हुई बैठक में मिले कई संकेत जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल हो सकती है खत्म, देर रात तक हुई बैठक में मिले कई संकेत
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों द्वारा चल रही हड़ताल आज शुक्रवार को शिथिल पड़ सकती है। गुरुवार देर रात...
मध्‍य प्रदेश से मानसून ले रहा विदाई, ग्वालियर-चंबल के बाद अब उज्जैन और इंदौर संभाग की बारी
पलामू के पूर्णा मझिगांवा में फायरिंग, एक ही परिवार के तीन जख्मी
नामकुम स्टेशन के पास गुफा वाले पंडाल का हो रहा निर्माण
पांच को रांची पहुंचेंगे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद
मीरवाइज उमर फारूक 4 सप्ताह बाद जामिया मस्जिद में शुक्रवार की नमाज़ का करेंगे नेतृत्व
हिमाचल में भर्ती होंगे 1088 विशेष कांस्टेबल, अधिसूचना जारी