एम्स गोरखपुर में एनेस्थीसिया विभाग द्वारा जीवनरक्षक तकनीकों पर विशेष सीएमई और वर्कशॉप का आयोजन
गोरखपुर, एम्स एनेस्थेटिस्ट की भूमिका सिर्फ ऑपरेशन थिएटर तक सीमित नहीं होती, बल्कि वे **आईसीयू से लेकर आपातकालीन स्थितियों में जीवनरक्षक हस्तक्षेप** तक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसी क्रम में **एम्स गोरखपुर के एनेस्थीसिया विभाग** द्वारा एक विशेष **सीएमई (CME) और वर्कशॉप** का आयोजन किया गया, जिसमें 70 से अधिक चिकित्सकों और विशेषज्ञों ने भाग लिया।
इस कार्यक्रम में **एम्स नागपुर, एम्स रायबरेली, बीएचयू, बीआरडी मेडिकल कॉलेज और एयरफोर्स हॉस्पिटल** के विशेषज्ञों ने अपने बहुमूल्य अनुभव साझा किए और चिकित्सकों को **गंभीर रोगियों की देखभाल एवं उन्नत जीवनरक्षक तकनीकों** का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया।
व्यावहारिक प्रशिक्षण और महत्वपूर्ण व्याख्यान
कार्यक्रम के दौरान चिकित्सकों को **गंभीर मरीजों की देखभाल एवं जीवनरक्षक तकनीकों** पर महत्वपूर्ण प्रशिक्षण दिया गया। इसमें **प्रयोगात्मक सत्र और विशेषज्ञ व्याख्यान** दोनों शामिल रहे।
प्रयोगात्मक सत्र में सिखाई गई जीवनरक्षक तकनीकें
✔ **सेंट्रल वेनस कैथेटर इनसर्शन** – रक्त संचार बनाए रखने की आवश्यक प्रक्रिया
✔ **इंटरकोस्टल ड्रेनेज** – फेफड़ों में तरल या वायु निकालने की तकनीक
✔ **ब्रेन हेमरेज में महत्वपूर्ण जांच (ONSD, TCD)** – मस्तिष्क में रक्तस्राव का शीघ्र निदान
✔ **ट्रेकियोस्टोमी और ब्रोंकोस्कोपी** – सांस की नली बाधित होने पर जीवनरक्षक हस्तक्षेप
आमंत्रित और संस्थान के विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुत व्याख्यान
✅ **फेफड़े और हृदय की आपातकालीन प्रक्रियाएं** – **प्रो. विक्रम वर्धन**
✅ **गंभीर मरीजों में रक्त संचार की निगरानी** – **डॉ. भूपेंद्र सिंह**
✅ **सिर की चोट और ब्रेन हेमरेज की जांच (ONSD, TCD)** – **डॉ. कालीचरण दास**
✅ **सांस की नली बंद होने पर जीवनरक्षक हस्तक्षेप (क्रिकोथायरोटॉमी, पर्क्युटेनियस ट्रेकियोस्टोमी)** – **प्रो. यशपाल सिंह**
✅ **फेफड़ों और दिल की जांच के लिए अल्ट्रासाउंड** – **डॉ. एन. के. जोशी**
✅ **एयरवे अल्ट्रासाउंड** – **डॉ. संतोष कुमार शर्मा**
यह आयोजन **नवीनतम चिकित्सा तकनीकों के प्रशिक्षण और उन्नत जीवनरक्षक प्रक्रियाओं के आदान-प्रदान** के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ, जो भविष्य में मरीजों की बेहतर देखभाल और त्वरित उपचार में सहायक होगा।
एम्स गोरखपुर की एनेस्थीसिया टीम की सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम में **एम्स गोरखपुर के एनेस्थीसिया विभाग** के वरिष्ठ चिकित्सकों की उल्लेखनीय भागीदारी रही, जिनमें शामिल हैं:
✔ **डॉ. संतोष शर्मा**
✔ **डॉ. भूपेंद्र सिंह**
✔ **डॉ. अंकिता कबी**
✔ **डॉ. विजेता बाजपेई**
✔ **डॉ. प्रियंका द्विवेदी**
✔ **डॉ. गणेश निमजे**
✔ **डॉ. सीमा**
✔ **डॉ. रवि**
✔ **डॉ. सोनम**
कार्यक्रम के दौरान **डॉ. संतोष शर्मा द्वारा आयोजित मेडिकल क्विज़** में सभी प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे ज्ञानवर्धन के साथ-साथ एक **शैक्षणिक प्रतिस्पर्धा** का भी माहौल बना।
संस्थान की कार्यकारी निदेशक और विभागाध्यक्ष की सराहना
**एम्स गोरखपुर की कार्यकारी निदेशक, मेजर जनरल प्रो. डॉ. विभा दत्ता** ने एनेस्थीसिया विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि **यह आयोजन मरीजों की बेहतर देखभाल की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।**
कार्यक्रम के दौरान **विभागाध्यक्ष प्रो. विक्रम वर्धन** ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और **गंभीर मरीजों के जीवनरक्षक उपचार में एनेस्थेटिस्ट की अहम भूमिका** को रेखांकित किया।
**निष्कर्ष**
एम्स गोरखपुर द्वारा आयोजित यह सीएमई और वर्कशॉप **नवीनतम चिकित्सा तकनीकों के प्रशिक्षण और उन्नत जीवनरक्षक प्रक्रियाओं के आदान-प्रदान** के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ। यह पहल भविष्य में मरीजों की **बेहतर देखभाल, त्वरित उपचार और जटिल स्थितियों में त्वरित निर्णय लेने** की दक्षता को और सशक्त करेगी।
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