मरीज को एमएमजी अस्पताल में सीटी स्कैन कराने के लिए देना पड़ा सुविधा शुल्क

मरीज को एमएमजी अस्पताल में सीटी स्कैन कराने के लिए देना पड़ा सुविधा शुल्क

लो कर लो बात,,सरकारी एमएमजी अस्पताल के स्टाॅफ की करतूत मरीज से पेटीएम पर 300 सौ और नकद 100 रूपये लिया सीटी स्कैन कराने का सुविधा शुल्क लिया जिसकी रिकार्डिंग भी मरीज के पास उपलब्ध है, वहीं जब इस संबंध में तरूणमित्र संवाददाता ने सीएमओ डाॅ.भावतोष संखधर से फोन कर बात करना चाही तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया,

IMG-20240117-WA0016IMG-20240117-WA0019IMG-20240117-WA0018गाजियाबाद, ( तरूणमित्र )

मरीज की आपबीती, दरअसल  दीपक नामक का मरीज जोकि इटावा से कान के ऑपरेशन के लिए आया था।
हर्ष ईनटी हॉस्पिटल के सर्जन प्रोफेसर डाॅक्टर बीपी त्यागी ने उसे गाजियाबाद के सरकारी एमएमजी हॉस्पिटल सीटीस्कैन के लिए भेजा, लेकिन सवालिया निशान तब लगा जब मरीज दीपक से एमएमजी अस्पताल में उससे 300 पेटीएम पर और 100 रूपये नकद सुविधा शुल्क के रूप में लिया गया, अब सोचिये इन्हीं कारणों से गाजियाबाद का सरकारी एमएमजी अस्पताल सुर्खियों में रहता आया है। 
बता दें कि लगातार इस तरह की तमाम घटनाएं सामने आईं परन्तु कार्यवाही के नाम पर वही ढाक के तीन पात वाली बात सही बैठती आई, इस कृत्य के संबंध में जब तरूणमित्र संवाददाता ने सीएमओ डाॅ. भावतोष संखधर से फोन पर बात करना चाही तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
  
ये तो वही बात हुई कि सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का मतलब साफ है कि जाहिर तौर पर इस तरह के कृत्यों को देखकर ऐसा लगता है कि पैसा स्टाॅफ में बंटता होगा। खैर एमएमजी अस्पताल में जो भी हो रहा है वो ठीक तो कहा नहीं जा सकता, रही बात डाॅक्टर बीपी त्यागी की तो इस बात को कहने में जरा भी हर्ज नहीं होगा कि बीपी त्यागी की स्वास्थय के क्षेत्र में की जा रही सेवाओं का कोई तोड़ नहीं है। 
वह लगातार 25 वर्षों से निशुल्क सुविधाओं को देते आ रहे हैं और रही बात हमारे आर्मी के जवानों की तो उनके लिए डाॅक्टर बीपी त्यागी ने अपने अस्पताल परिसर में लिखकर चस्पां किया है कि आप हमारी फीस बार्डर पर हमारी सुरक्षा के दौरान दे चुके हैं, वहीं दूसरी ओर गरीबों के प्रति हर्ष ईएनटी अस्पताल में उनका इलाज भी निशुल्क करने वाले गाजियाबाद के प्रथम डाॅक्टर हैं हालांकि ये कहने भर की बात है कि बीपी त्यागी प्राइवेट डाॅक्टर हैं लेकिन उनके द्वारा की गई सेवाओं का कोई तोड़ नहीं है। 

एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि अगर किसी मरीज को डाॅक्टर बीपी त्यागी किसी चेकअप के लिए एमएमजी अस्पताल में भेजते हैं तो वहां पर बीपी त्यागी का नाम सुनते ही डाक्टर अभद्र भाषा का प्रयोग करने से भी परहेज नहीं करते। 
अब समझने वाली बात तो ये है कि क्या सरकारी अस्पताल के डाॅक्टर इस बात से डाॅक्टर बीपी त्यागी से खफा हैं कि वह मरीजों को निशुल्क सुविधाओं का लाभ देते हैं क्या सरकारी एमएमजी अस्पताल के डाॅक्टरों को उनके द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं अच्छी नहीं लगतीं या फिर इसे कोई दूसरा पहलू समझा जाए। 
उधर डाॅक्टर बीपी त्यागी को मरीज ने बताई आप बीती और पेटीएम का दिया सक्रीन शाॅट अब बताइए इस सरकारी एमएमजी अस्पताल के लिए और क्या सबूत चाहिए क्या इतना बड़ा सबूत कम है। गैस अब स्वास्थय मंत्री ब्रजेश पाठक ही इस पर कुछ सोच विचार कर सकते हैं और अगर अब भी न की गई कार्यवाही तो इसे सरकार हर मोर्चे पर विफल रही यही कहा जाएगा। 
और सही मायनों में सरकारी आंकड़ों के अनुसार सरकारी अस्पताल एमएमजी में फ्री किया जाता है सीटी स्कैन।

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