जय बजरंग सेना महोत्सव पर जमकर नाचे कोल-किरात
नृत्य करते कोल आदिवासी।
मुस्लिमों ने किया जोरदार स्वागत
चित्रकूट। अयोध्याधाम में श्रीरामलला प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक पर्व पर जय बजरंग सेना ने समूचे तीर्थ क्षेत्र में धूमधाम से महोत्सव यात्रा निकाली। यात्रा धनुष चैक कर्वी से सामूहिक श्रीराम स्तुति से शुरु हुई। राम दरबार की दिव्य झांकियों का निर्माेही अखाड़ा के महंत ओंकारदास महाराज, कामतानाथ मंदिर प्रमुख द्वार के संत मदनदास व मुख्य पुजारी लक्ष्मीकांत ने पूजन-अर्चन किया। प्रभु श्रीराम के प्रियजन गिरिजन ने फूलों की वर्षा कर स्वागत अभिनंदन किया। पाठा के कोल आदिवासियों ने मंगलगान कर भाव नृत्य प्रदर्शित किया। गाजे-बाजे के बीच शंख ध्वनि व प्रभु श्रीराम के सामूहिक जयघोष से शोभायात्रा आगे बढ़ी। यात्रा में जमकर आतिशबाजी हुई। रामभक्तों व समूचे मार्ग में नागरिकों को लड्डू खिलाते हुए मुंह मीठा किया। महोत्सव यात्रा में जय बजरंग सेना के विभिन्न प्रांतो से तीन सौ महिला सेनानी व ढाई सौ पुरुष सेनानी शामिल हुए।
अगुवाई जय बजरंग सेना राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन उपाध्याय व रामचरितमानस हस्ताक्षर अभियान की राष्ट्रीय प्रभारी श्रीमती अर्चना उपाध्याय व कामदगिरि पीठम कामतानाथ मंदिर प्रमुख द्वार प्रतिनिधि अर्चन पंडित ने किया। पुरानी बाजार कर्वी में मुस्लिम समुदाय के डेढ़ सौ लोगों ने महोत्सव यात्रा का स्वागत कर झांकियों के रथ पर पुष्प वर्षा की। इस मौके पर नितिन उपाध्याय, श्रीमती अर्चना उपाध्याय, महोत्सव यात्रा संयोजक अर्चन पंडित समेत जय बजरंग सेनानियों का गर्मजोशी से माल्यार्पण कर स्वागत किया।
मंदाकिनी गंगा के पावन तट पर आदिवासी कलाकार श्रीमती बूटी कोल, श्यामा कोल, रामकिशोर कोल, सुखराम कोल व अन्य कोल बालाओं ने राई नृत्य पेश किया तो लोग झूम उठे।
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