जननायक कर्पूरी ठाकुर गरीबों के लिए थे मसीहा:डॉ प्रीति शेखर
भागलपुर । भागलपुर में आयोजित प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए बिहार प्रदेश भाजपा मीडिया पैनलिस्ट डॉ प्रीति शेखर ने शनिवार को कहा कि 24 जनवरी 1924 में जन्मे कर्पूरी ठाकुर बचपन से ही अन्याय, शोषण एवं असमानता के प्रति विद्रोही स्वाभाव के थे। देश की आजादी के लिए उन्होंने 26 महीने जेल में बिताये। वे बिहार में मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री जैसे प्रमुख पदों पर आसीन रहे। परन्तु बहुत ही सादगीपुर्ण जीवन जीते थे। वर्तमान में राजनेताओं को उनसे सीख लेने की जरुरत है।
उन्होंने कहा कि 1977 में जनता पार्टी की गैर कांग्रेसी सरकार बनी, जिसमें जनसंघ भी शामिल था और कर्पूरी जी दोबारा मुख्यमंत्री बने तो एससी एसटी के अलावा ओबीसी के लिए भी 27% आरक्षण लागू करने वाला बिहार देश का पहला सूबा बना। कर्पूरी ठाकुर सही मायने में जननायक थे। कर्पूरी ठाकुर बिहार के पहले ऐसे गैर कांग्रेसी नेता व मुख्यमंत्री थे। जिनकी लोकप्रियता के कारण उन्हें जननायक कहा जाता है। जननायक कर्पूरी ठाकुर भारत के स्वतंत्रता सेनानी शिक्षक, राजनीतिज्ञ और गरीबों के मसीहा थे। नाई (पिछड़ी) जाति में जन्म लेने वाले कर्पूरी ठाकुर सरल हृदय के राजनेता माने जाते थे।
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