जागरुकता और सावधानी से रोका जा सकता है डेंगू बुखार
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उन्नाव। डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों से बचाव के संबंध में गुरुवार को राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी उन्नाव में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यवाहक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा हरिनंदन प्रसाद द्वारा यह बताया गया कि डेंगू दिवस को मनाने का एक मात्र उद्देश्य डेंगू बीमारी से बचाव एवं खतरो के लक्षणों के बारे में जनसामान्य को जागरूक किया जाना है | डेंगू सहित अन्य वेक्टरजनित बीमारियो का संचरण काल आरंभ हो चुका है । मानसून सीजन मच्छरों के लिए अनुकूल होता हैं हम सावधानी बरतकर डेंगू से बच सकते हैं । गोष्ठी को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा जे .आर. सिंह द्वारा उपस्थित लोगो को बताया गया कि डेंगू एक मच्छरजनित वायरल रोग है। डेंगू का मच्छर दिन के समय काटता है।
यह एडीज एजिप्टाई मच्छर के काटने से होता है और इसकी विशेषता है कि एक बार डेंगू वायरस से संक्रमित होने के बाद जब यह अंडे देता है तो वह अंडे भी डेंगू वायरस से संक्रमित हो जाते हैं। इन अंडों से बनने वाले मच्छर भी संक्रमित होते हैं जो रोग फैला सकते हैं। इसके अंडे एक वर्ष तक जीवत रह सकते हैं। सूखा अंडा पानी पाते ही नए मच्छर तैयार कर देता है। इसीलिए अपने घर कर आसपास जल जमाव न होने दें। उनके द्वारा बताया गया कि डेंगू सहित अन्य वेक्टर जनित बीमारियों से बचाव के लिए प्रत्येक रविवार को “हर रविवार-मच्छर के लार्वा पर प्रहार ," जैसी गतिविधियां संचालित करते हुए मच्छरों से बचाव के लिए " क्या करें क्या न करें " के बारे में जनसामान्य को जागरूक करने के साथ साथ मच्छरों के स्रोतों को नष्ट करने सहित अन्य गतिविधिया अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित कर संपन्न कराई जाए।
जिला मलेरिया अधिकारी रमेश चंद्र ने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए आवश्यक है कि शहरी क्षेत्रों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में नगर विकास विभाग तथा पंचायती राज विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित कराया जाना अत्यंत आवश्यक है। डेंगू सहित अन्य सभी वेक्टर जनित रोगों से बचाव के लिए पूरी बांह के कपड़े पहने | सोते समय मच्छरदानी, मच्छररोधी क्रीम या क्वायल का उपयोग करें | घर के दरवाजों और खिड़कियों पर जाली लगवाए | कहीं पानी इकट्ठा है तो उसमें जला हुआ मोबिल ऑयल डाल दें | घर में टूटे हुए टायर, बर्तन आदि को हटा दें ताकि उसमें पानी न इकट्ठा होने पाए | बुखार होने पर स्वयं कोई इलाज न करें |
निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच और इलाज कराएं | जिला मलेरिया अधिकारी द्वारा बताया गया कि डेंगू एक मच्छर जनित वायरल फीवर है, सिर्फ प्लेटलेट्स कम हो जाने से डेंगू बुखार मान लेना ठीक नहीं होता है जब तक की एलाइजा टेस्ट पॉजिटिव न आए। उन्होंने उपस्थित लोगो को बताया कि डेंगू बुखार के लक्षणों में प्रमुख रूप से अचानक तेज बुखार चढ़ना,मांशपेशियों तथा जोड़ो में दर्द ,आंखों के पिछले भाग में, दर्द होना,अत्यधिक कमजोरी महसूस होना,भूख में कमी,जी मिचलाना,आदि है।इस प्रकार के लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल में संपर्क करना चाहिए।
मरीज को बुखार उतारने हेतु पैरासिटामोल की गोली दिया जाना चाहिए तथा तरल पदार्थों का सेवन करवाना चाहिए।संगोष्ठी में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा रविदास,अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी वी . बी . डी.डा . जे.आर .सिंह. जिला मलेरिया अधिकारी रमेश चंद्र यादव,जिला एपीडिमो लोजिस्ट डा रवि यादव,तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के समस्त अधिकारी/कर्मचारी तथा जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय के समस्त अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।इसके अतिरिक्त जनपद के समस्त सामु./ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों स्वास्थ्य केंद्रों,तथा नगर पालिका परिषद नगर पंचायतो में डेंगू दिवस से संबंधित विभिन्न गतिविधियां संपादित की गई है।
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