मानस ग्रंथ का पूजन कर मौन साधना संकल्प व्रत का हुआ अनुब्ठान
प्रतापगढ़। श्रीरामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रन्थ घोषित किये जाने के जागरूकता अभियान के तहत श्रीराम भक्तों ने माघ मेला क्षेत्र में सांकेतिक मौन उपवास कर श्रीराम नाम संकीर्तन का जाप किया। वहीं श्रीरामचरितमानस राष्ट्रीय ग्रंथ सरंक्षा जागरुकता के तहत रविवार को समिति के संयोजक सहित तीन पदाधिकारी सांकेतिक मौन व्रत उपवास धारण किये दिखे। श्रद्वालुओं ने कार्यक्रम के संयोजक ज्ञानप्रकाश शुक्ल की अगुवाई में श्रीराम तारक मंत्र का जाप करते हुए श्रीरामचरितमानस, श्रीमद्भगवत गीता व श्रीवाल्मीकि रामायण ग्रंथ का विधिविधान से पूजन किया। वहीं श्रद्धालुओं ने मां गंगा तथा मां यमुना व मां सरस्वती की संगम तट पर आरती उतारी। समिति के द्वारा त्रिवेणी तट पर कई धर्माचार्यों को अभियान से जुडे संकल्प प्रस्ताव भी प्रदान कर सफलता का आशीर्वाद मांगा गया।
वहीं दिन भर हुए धार्मिक कार्यक्रम में माघ मेला क्षेत्र के कल्पवासियों तथा स्नान ध्यान को आये श्रद्वालुओं को भी उत्साहित देखा गया। संयोजक ज्ञानप्रकाश शुक्ल व सह संयोजक विपिन शुक्ल तथा सई आरती के संयोजक शिवनारायण शुक्ल ने मानस को राष्ट्रीय ग्रंथ की मान्यता की मॉग को लेकर सांकेतिक मौन उपवास किया। संस्कृत विद्वान स्वामी जितेन्द्र तिवारी व संस्कृत परिषद के अध्यक्ष आचार्य राजेश मिश्र के साथ आचार्य समूह के वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य धार्मिक ग्रन्थों की संरक्षा का पवित्र गंगा तट पर संकल्प लिया गया। जागरुकता कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रतापगढ़ संयुक्त अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी महेश ने करते हुए हिन्दू देवी देवताओं तथा सनातन धर्म के ग्रन्थों के अपमान को लेकर सरकार से कडे प्राविधान लाये जाने पर जोर दिया।
कार्यक्रम के दौरान मौनव्रती साधको ज्ञानप्रकाश शुक्ल, शिवनारायण शुक्ल, विपिन शुक्ल के साथ विधिवेत्ता अनिल त्रिपाठी महेश का आचार्य त्रिवेणीधर शुक्ल, विकास पाण्डेय, दिनेश सिंह, ने श्रीरामनाम पट्टिका माल्यार्पण कर सम्मानित भी किया। अभियान के तहत पदाघिकारियों ने ज्योतिषपीठाधीश्वर जगद्गुरु शकराचार्य स्वामि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज से उनके कुंभ मेला शिविर में मिलकर पत्रक सौंपा।शंकराचार्य जी ने अभियान को राष्ट्र के लिए कल्याणकारी कहा। संयोजक ज्ञानप्रकाश शुक्ल ने कहा कि वर्षाे की तपस्या पर प्रभु राम अयोध्या में अपने भवन में विराज रहे हैं ऐसे में एक दिन मानस को राष्ट्रीय ग्रंथ की मान्यता की यह तपस्या भी प्रभु पूर्ण करेगें। आयोजन में देवी देवताओं के जयघोष के साथ श्रीराम जय जय राम की भी बाबा धाम में मनमोहक गूंज दिखी।
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