कृत्रिम बुद्धिमत्ता वैश्विक प्रगति और प्रतिस्पर्धा के दौर में आवश्यक : प्रो. एसएस रावत
मुरादाबाद । हिन्दू काॅलेज मुरादाबाद में शुक्रवार को वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का विषय कृत्रिम बुद्धिमत्ता - वरदान या अभिशाप रहा। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रो. सुभाष वशिष्ठ तथा विशिष्ट अतिथि प्रो. महेश दिवाकर रहे। कार्यक्रम अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. एसएस रावत ने की। निर्णायक मंडल में प्रो.अर्चना राठौर, डा. संजय जौहरी एवं प्रो.अरविंद कुमार शुक्ला रहे। प्राचार्य प्रो.एसएस रावत ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता जहां वैश्विक प्रगति और प्रतिस्पर्धा के दौर में परम आवश्यक है वहीं इसके खतरों से भी सावधान रहने की ज़रूरत है। जीवन के अनेकानेक क्षेत्रों जैसे शिक्षा, सैन्य, कृषि, विपणन और विज्ञान के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज वरदान साबित हो रहा है लेकिन इसका प्रयोग यदि लापरवाही से की जाए तो यह अभिशाप बन जायेगा।
प्रतियोगिता में कुल 24 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के पक्ष और विपक्ष में सभी प्रतिभागियों ने अपने विचार व्यक्त किये। प्रतियोगिता में पक्ष और विपक्ष में क्रमशः में प्रथम स्थान आस्था शुक्ला व सक्षम ने, द्वितीय स्थान सोनिया व कोमल ने एवं तृतीय स्थान नम्रता रस्तोगी व मुक्ता शर्मा ने प्राप्त किया। सांत्वना पुरस्कार क्रमशः धीरज कुमार व दीपम गुप्ता को मिला।संचालन डाॅ. बृजेश कुमार तिवारी ने किया। सांस्कृतिक समिति की संयोजिका प्रो . प्रियंशा सिंह ने कार्यक्रम के सफल संपन्नता के लिए सबके सहयोग के लिए आभार प्रकट करते हुए सबका हृदय से धन्यवाद ज्ञापित किया।
About The Author

‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है।
टिप्पणियां