छठ मैय्या को लेकर डाॅ. बीपी त्यागी के बयान पर पुरबिया समाज ने फूंका पुतला
*डाॅ. बीपी त्यागी कहते हैं कि मेरा पुतला जलाकर पुरबिया जन कल्याण परिषद् ने माननीय सुप्रीम कोर्ट व एन. जी.टी के आदेशों की अवमानना की है*
( तरूणमित्र ) गाजियाबाद। डॉक्टर बी. पी. त्यागी ने तरूणमित्र से बात करते हुए पीड़ा जाहिर करते हुए बताया कि वह आमजन से इस बात की अपील करते हैं कि मैंने जो अपने लेख में हेलीकॉप्टर पुष्प वर्षा को लेकर जो बात बोली है उसमें मैने किसी भी तरह से न तो किसी भी समाज या वर्ग धर्म या देवी देवताओं के बारे मे बोला है न ही किसी भी प्रकार से किसी भी धर्म की आस्था और विश्वास पर टिपणी की है। उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ इसलिये अपनी बात रख रहा हूँ क्योंकि मेरी बात को न सिर्फ गलत ढंग से पेश किया जा रहा है बल्कि कुछ लोग अपने निजी और राजनैतिक स्वार्थ के चलते समाज को बरगला रहे हैं और मुझे समाजिक रूप से गलत बोल कर अपना राजनैतिक तुस्टीकरण कर रहे हैं। डाॅ. त्यागी ने कहा कि मैं उन लोगों को ये बताना चाहता हूँ कि समाज में सबको अपनी बात कहने और सही को सही और गलत को गलत बोलने का हक़ है। जिसे धर्म और संविधान दोनों ने ही दिया है मेरा कहना है कि आज भी प्रासंगिक है कि पुष्प वर्षा धार्मिक रूप से देवता प्रसन्न होकर किया करते थे और आज राजनेता अपनी ज़िम्मेदारी भूल कर प्रजा के द्वारा दी गई। जिसका दुरूपयोग करके और उस पैसे से जो सहूलियतें समाज को दी जा सकती थीं या सामाजिक उत्थान पर प्रयोग हो सकती थीं उनका सिर्फ ऐसा प्रयोग करके ये समाज को धोखा देना ही तो है जो कि आँख मे धूल झोंकना ही है। और मैं ये बात सोच समझ कर बोल रहा हूँ जिस किसी को मेरी बात से ऐहतराज है वो अपना पक्ष रख सकता है मैं उसको जबाब देने के लिये तैयार हूँ परंतु जिस तरह से कुछ लोग सिर्फ राजनीति कर रहे हैं वो आपराधिक और गैर सामाजिक हैं उनका बहिष्कार होना चाहिये। और कानून को उनके खिलाफ सामाजिक उन्माद और दुस्प्रेशन की धाराओं में कार्यवाही करनी चाहिये। डाॅ. त्यागी ने साफगोई के साथ कहा कि पुरबिया समाज ने पुतला फूंककर माननीय सुप्रीम कोर्ट व एन.जी.टी. के आदेशों का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि में एक सनातनी हूँ और सभी प्रकार से समाज का हित चाहता हूँ और अपनी बात को तोड़मरोड़ कर और गलत ढंग से पेश किये जाने का पुरजोर विरोध करता हूँ। बल्कि जिन लोगों ने मेरी बात को अपने निजी स्वार्थ के लिये ऐसा किया या करवाया है उनके ऊपर क़ानूनी कार्यवाही किये जाने की समाज और सरकार से उम्मीद करता हूँ और ऐसा न होने पर स्वयं कानून की शरण लूंगा।
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