अपर जिला जज ने किया ज़िला कारागार का निरीक्षण, बंदियों को किया गया जागरुक
प्रतापगढ़ । उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार , जनपद न्यायाधीश अब्दुल शाहिद के आदेशानुसार आज अपर ज़िला जज /सचिव ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण नीरज कुमार बरनवाल ने जिला कारागार का निरीक्षण किया एवं बंदीजन को विधिक जानकारी देते हुए जागरूक किया । जेल अधीक्षक रमाकांत ने बताया कि जिला कारागार में आज कुल 1103 बंदी निरुद्ध है जिसमें 1012 पुरुष, 46 महिला तथा 45 किशोर बन्दी शामिल हैं ।विचाराधीन महिला बंदियों के साथ कुल 06 बच्चे रह रहे हैं ।
महिला बंदियों एवं उनके साथ रह रहे बच्चों का चिकित्सक द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया है ।निरीक्षण के दौरान सचिव ने कारागार में कौशल विकास मिशन केन्द्र,पुस्तकालय ,महिला बैरिक और बाल चक्र, पाक शाला , लीगल एड क्लीनिक , वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम सहित बैरकों तथा जेल परिसर की साफ सफाई , बन्दियों से संबंधित अभिलेखों का निरीक्षण किया गया ।
बाल चक्र में निरीक्षण के दौरान बन्दी आशीष पटेल और शीतल वर्मा उर्फ शीतला प्रसाद ने बताया कि उसकी आयु पुलिस ने चालान के समय अधिक लिख दिया है जबकि वह नाबालिग है , इस सम्बंध में जेल अधिकारी को निर्देश दिया गया कि दोनों बंदियों के परिजन से आयु सम्बन्धी प्रमाण पत्र अभिलेख मंगाकर न्यायोचित आवश्यक कार्यवाही कराएं और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भी कृत कार्यवाही से अवगत कराएं ।
इस अवसर पर बन्दी अजीत दुबे ने बताया कि उसने एल एल बी की परीक्षा का फार्म भरा था उसकी कल से परीक्षा है परीक्षा में शामिल होना चाहता है उसे परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दिलाई जाए, इस सम्बंध में निर्देशित किया गया कि संबंधित न्यायालय में उचित कार्यवाही हेतु आवेदन किया जाय। इस अवसर पर जेल विजिटर विश्वनाथ त्रिपाठी एडवोकेट ने बन्दियों को निःशुल्क विधिक सहायता व प्ली बार्गेनिन्ग के बारे में जागरूक किया ।
जेल विजिटर ने बंदियों को बताया कि जिन बंदियों के पास मुकदमें की पैरवी हेतु निजी अधिवक्ता न हों तो ऐसे लोग प्रार्थना पत्र के माध्यम से निःशुल्क अधिवक्ता की माँग कर सकते हैं , उन्हें इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा । इस मौके पर उप जेलर आफताब अंसारी ने बताया कि जिस बन्दी द्वारा निःशुल्क अधिवक्ता की मांग लिखित या मौखिक की जाती है उन्हें निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराने की सुविधा ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से दिलाई जाती है ।
उन्होंने बताया कि महिला बैरिक में महिला बन्दी के साथ जो बच्चे हैं उनके स्वास्थ्य व कपड़े आदि की पूरी व्यवस्था की जाती हैं । निरीक्षण के पूर्व बन्दीगण को सुबह का खाना दिया जा चुका था । कौशल विकास मिशन के अंतर्गत रीता बनर्जी द्वारा बंदियों को अचार बनाने और आंवले की कैंडी गाजर का हलुआ बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा था । सचिव ने जेल अधिकारी को निर्देशित किया कि जिन बंदियों के पास मुकदमें की पैरवी हेतु निजी अधिवक्ता नहीं हैं।
उनको चिन्हित करके उनके नाम पता पूर्ण विवरण सहित प्राधिकरण कार्यालय को लिखित में अवगत कराएं, जिससे ऐसे बंदियों को निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जा सके । इस अवसर पर जेल अधीक्षक रमाकांत ,जेलर अजय कुमार सिंह, उप जेलर आफताब अंसारी एवं चिकित्सक चीफ लीगल डिफेन्स कौंसिल महावीर यादव , डिप्टी चीफ लीगल डिफेन्स कौंसिल अभय प्रताप सिंह, असिस्टेंट लीगल डिफेन्स कौंसिल तजीन फातिमा उपस्थित रहे ।
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