सावन में महादेव-महाकाल के जयकारों से गूंजे मंदिर- शिवालय

मनकामेश्वर, बुद्धेश्वर व गोमतेश्वर शिव मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़

सावन में महादेव-महाकाल के जयकारों से गूंजे मंदिर- शिवालय

  • मंदिर परिसर के आसपास सुरक्षा में मुस्तैद दिखी पुलिस कर्मियों की टीम

लखनऊ। राजधानी के प्रसिद्ध शिव मंदिरों बुद्धेश्वर महादेव मंदिर, मनकामेश्वर महादेव मंदिर, गोमतेश्वर मंदिर, सिद्धनाथ मंदिर, कोनेश्वर मंदिर, बड़ा शिवाला महादेव मंदिर में सावन के पहले सोमवार को शिवभक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। भगवान शिव के दर्शन के लिए भक्तों की लम्बी कतारों के साथ ही बम-बम भोले की जयकारे से पूरा वातावरण शिवमय रहा। मंदिरों के बाहर भीड़ देखकर स्थानीय दुकानदारों में उत्साह रहा तो भक्तों की सुरक्षा में पुलिसकर्मी चप्पे चप्पे पर तैनात दिखायी पड़े।

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मोहन मार्ग पर बुद्धेश्वर महादेव मंदिर आस्था का केन्द्र बन चुका है। मंदिर में व्यवस्था देखने के लिए एक समिति बनी है। यह समिति सावन माह में बुद्धेश्वर महादेव मंदिर आने वाले भक्तों के दर्शन पूजन के लिए सुंदर व्यवस्था करती है। मंदिर के भीतर पहुंचने तक भक्तों को छोटी-छोटी पंक्ति में ही लगना पड़ता है। जिसके बाद आसानी से भगवान शिव के दर्शन होते हैं। सावन के पहले सोमवार को भी इसी तरह की व्यवस्था की गयी है। मंदिर के एक ओर से आने और दूसरी तरफ से निकलने की व्यवस्था से भीड़ को नियंत्रित किया गया है। गोमती नदी के किनारे मनकामेश्वर मंदिर के प्रति शिवभक्तों में अटूट आस्था है। यहां जो भी मन में रखकर मांगने आईये, वह सबकुछ मिलता है। मंदिर में सोमवार की सुबह सात बजे पट खुलने के बाद से ही भीड़ उमड़ पड़ी। जिसके कारण मंदिर के दो ओर करीब तीन सौ मीटर तक लम्बी कतार लग गयी।

पुजारियों द्वारा भक्तों को बारी बारी दर्शन कराया जा रहा है। वहीं मंदिर की सुरक्षा में थाना हसनगंज की पुलिसकर्मी पूरी तन्मयता से तैनात दिखायी पड़े। चौक क्षेत्र में कोनेश्वर महादेव मंदिर पर शिव भक्तों का तांता लगा रहा। सुबह से ही महिलाएं अपने हाथों में पुष्प, चंदन, दूध, बेलपत्र लेकर मंदिर की ओर बढ़ चली। मंदिर में महिलाओं की अलग पंक्ति और पुरुषों की अलग पंक्ति लगायी गयी। शिवलिंग पर दूध, जल चढ़ाने के लिए भक्तों में बेहद उत्साह दिखायी पड़ा।

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रकाबगंज क्षेत्र में सिद्धनाथ महादेव मंदिर स्वयंभू शिवलिंग है। सावन के प्रथम सोमवार को विशेष रुप से यहां पूजा आरती की जाती है। सुबह के वक्त मंदिर में भक्तों का पहुंचना हुआ और जिसे देखते हुए मंदिर का एक द्वार और खोलना पड़ा। जिससे भक्तों को दूसरी ओर से बाहर निकाला जा सके। भक्तों में मान्यता है कि स्वयंभू सिद्धनाथ महादेव से जो भी मनोकामना की मांग कीजिए, उसके अद्भुत परिणाम मिलते है। लगभग दो सौ पच्चीस वर्ष पूर्व बने श्रीकल्याण गिरी मंदिर का महात्म्य विशेष है। यहां पुराने लखनऊ के हजारों लोग दर्शन पूजन को आते हैं। सावन के पहले दिन ही सोमवार पड़ने पर लोगों में श्रद्धा भाव उमड़ पड़ा और यहां सुबह से ही कतार लग गयी। मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण राजा टिकैतराय ने कराया था और तभी से लखनऊ में यहां सोमवार को पूजन आरती होती आ रही है।

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