अवकाश के दिन जेल भरो आंदोलन की तैयारी
लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा है कि भीषण गर्मी में रिकॉर्ड बिजली आपूर्ति करने और लाइन हानियां राष्ट्रीय मापदंड से नीचे कर देने के बावजूद उत्तर प्रदेश में बिजली का निजीकरण किसके हित में किया जा रहा है। रविवार को अवकाश के दिन सभी जनपदों और परियोजनाओं पर बैठक कर संघर्ष समिति ने निजीकरण के विरोध में जेल भरो अभियान की तैयारी की।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों ने आज यहां जारी बयान में कहा कि वर्ष 2017 के बाद उत्तर प्रदेश में बिजली के क्षेत्र में हुए उल्लेखनीय सुधार के बारे में रोज समाचार पत्रों में पूरे पृष्ठ का विज्ञापन छप रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार के इस विज्ञापन से ही स्पष्ट है की 2017 से अब तक उत्तर प्रदेश में बिजली के क्षेत्र में बहुत ही उल्लेखनीय सुधार हुआ है और लाइन हानियां राष्ट्रीय मापदंड से कम हो गई हैं।
समिति ने सवाल किया कि इतने उल्लेखनीय सुधार के बाद बिजली का निजीकरण किसके हित में किया जा रहा है। समिति ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के विज्ञापन के अनुसार पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में अप्रैल , मई, जून की भीषण गर्मी में ग्रामीण क्षेत्रों में 18.20 घंटे तहसील में 21.31 घंटा और जिला मुख्यालय पर 23.49 घंटा बिजली की आपूर्ति की गई है।
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