बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा,आज प्रांतव्यापी विरोध दिवस
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के बाद उपभोक्ताओं को मिलने वाले विशेष लाभ का पूरे पृष्ठ का विज्ञापन प्रकाशित होने से प्रदेश के बिजली कर्मचारियों,जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया है। संघर्ष समिति ने शनिवार को प्रांतव्यापी विरोध दिवस मनाने का ऐलान किया है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों ने कहा कि "अब हर घर रोशन-उत्तर प्रदेश" के शीर्षक से प्रदेश सरकार द्वारा जारी पूरे पृष्ठ का विज्ञापन तमाम अंतर्विरोधों से भरा हुआ है।
संघर्ष समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि वे निजीकरण का अन्तिम फैसला लेने से पहले एक बार समिति को अपना पक्ष रखने का अवसर दें। समिति ने आशा व्यक्त की है कि सही बात जानने के बाद मुख्यमंत्री जी निजीकरण के नाम पर लाखों करोड़ रुपए की लूट नहीं होने देंगे।
संघर्ष समिति ने कहा है कि विज्ञापन में निजीकरण के बाद विश्वसनीयता के उल्लेख से यह स्पष्ट हो जाता है कि पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने विश्वसनीयता खो दी है। कितनी विडम्बना है कि ऐसे में निजीकरण की लूट की प्रक्रिया भी इसी अविश्वसनीय प्रबंधन द्वारा चलाई जा रही है।
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