उत्तराखंड में मूसलधार बारिश से हालात बिगड़े

 भूस्खलन से चारधाम यात्रा मार्ग बाधित

उत्तराखंड में मूसलधार बारिश से हालात बिगड़े

  • प्रदेश में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के पास
  • गृहमंत्री ने हर संभव मदद का  दिया आश्वासन

देहरादून। उत्तराखंड में मानसून का असर पूरे राज्य पर दिखने लगा है। पर्वतीय और मैदानी जिलों में लगातार हो रही बारिश के चलते जनजीवन प्रभावित हो गया है। विशेष रूप से केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मार्गों पर भूस्खलन से रास्ते बाधित हो गए हैं, जिससे चारधाम यात्रा भी प्रभावित हुई है। 

रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम की ओर जाने वाला पैदल मार्ग गौरीकुंड से लगभग एक किलोमीटर आगे छोड़ी गधेरे पर बोल्डर, मलबा-पत्थर आने से पूरी तरह से बाधित हो गया है। यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें व लोक निर्माण विभाग के कार्मिक व मजदूर मौके पर हैं। फिलहाल यात्रियों के आवागमन को सोनप्रयाग से ही बंद कर दिया गया है। मैनुअल तरीके से मलबा-पत्थर हटाया जा रहा है। वहीं मनकटिया क्षेत्र व छोटी पार्किंग गौरीकुंड मार्ग पैदल आवाजाही के लिए सुचारु है। जिला आपदा प्रबंध अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि यात्रियों को सचेत किया जा रहा है। जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग ने भी यात्रियों को मौसम के अनुसार यात्रा की सलाह दी है।

उत्त्तरकाशी जिले में यमुनोत्री हाईवे एन एच 134 पर बनास के पास भारी भू-धसाव से सड़क का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद है। मलबा हटाने के साथ ही वैकल्पिक व्यवस्था जुटाई जा रही है ताकि यात्रियों की आवाजाही हो सके। गंगोत्री हाईवे एनएच 108 पर पापड़ गाड़ के पास भी भू-धसाव हुआ है, जिससे मार्ग पर वाहनों का आवागमन बंद हैं। सीमा सड़क संगठन व लोक निर्माण विभाग की टीमें सड़क सुधार कार्य में जुटी हुई हैं। इसके अलावा पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश से गंगा, यमुना, सरयू, गोमती समेत सभी नदियां खतरें के निशान के पास बह रही हैं। इससे हरिद्वार, ऋषिकेश समेत अन्य मैदानी जिलों में जलभराव की संभावनाओं को देखते हुए लोगों को सतर्क किया जा रहा है। 

राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण ने सभी जिलों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश की राजधानी देहरादून समेत अल्मोड़ा, बागेश्वर समेत अन्य जिलों में बारिश जारी है। बागेश्वर जिले में रात से लगातार बारिश से जिले में 14 आंतरिक मोटर मार्ग भूस्खलन से बंद हैं, जिन्हें खोलने के प्रयास किये जा रहे हैं। बारिश से सरयू और गोमती नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण के सचिव विनोद सुमन ने बताया कि सभी जिले अलर्ट मोड में हैं और सभी जिलों से लगातार फीड बैक भी मिल रहा है। 

उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने फोन पर राज्य के संवेदनशील क्षेत्रों की स्थिति की जानकारी ली। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें वर्तमान हालात और राहत कार्यों के बारे में अवगत कराया। मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि गृह मंत्री ने चारधाम यात्रा को प्रभावित न होने देने के निर्देश दिए हैं। एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल), आईटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) को तत्परता से तैनात किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित किया जा सके। राज्य के अन्य संवेदनशील जिलों में भी सतत निगरानी रखते हुए हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के संबंध में भी उन्होंने आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय गृहमंत्री का इस संवेदनशील, सक्रिय और सहृदय नेतृत्व के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया है।

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