डीएम की अध्यक्षता में संभावित बाढ़ को ले समीक्षा बैठक आयोजित की गई
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संत कबीर नगर, 01 मई 2025(सू0वि0)।* जिलाधिकारी आलोक कुमार की अध्यक्षता में आगामी बरसात के मौसम में सम्भावित बाढ़ एवं बंधो के कटान आदि से बचाव एवं सुरक्षा के दृष्टिगत बाढ़ स्टीयरिंग कमेटी की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी (वि/रा) जय प्रकाश व मुख्य विकास अधिकारी जयकेश त्रिपाठी उपस्थित रहे।
जिलाधिकारी ने जनपद में बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील नदियों राप्ती एवं घाघरा के आस-पास के इलाकों में सम्भावित बाढ़ से पूर्व की जाने वाली तैयारियों की समीक्षा करते हुए बंधो, बाढ़ चौकियो, आश्रय स्थलों, बाढ़ के दौरान फैलने वाली संक्रामक बीमारियों आदि के बारे में सम्बंधित विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने कहा कि सम्भावित बाढ़ के दौरान विभिन्न विभागों द्वारा किये जाने वाले कार्यो/उपलब्ध करायी जाने वाली सेवाओं से सम्बंधित कार्य योजना प्रत्येक दशा में आगामी 15 मई तक अधिशाषी अभियन्ता डेªनेज खण्ड-2 को उपलब्ध करा दें। उन्होंने कहा कि इससे पहले सभी सम्बंधित विभागीय अधिकारी 10 मई 2025 तक अपने विभागीय कार्यो एवं जिम्मेदारी के अनुसार बाढ़ क्षेत्र बंधों आदि का स्थलीय निरीक्षण करने के उपरान्त ही आवश्यकतानुसार कार्य योजना बनाकर उपलब्ध कराये।
बैठक के दौरान बाढ़ अधिकारी/अधिशाषी अधिकारी ड्रेनेज खण्ड ने सम्भावित बाढ़ से बचाव के दृष्टिगत अब तक की तैयारियों के बारे में अवगत कराया। जिलाधिकारी ने बंधों की मरम्मत आदि को गुणवत्ता सहित अबिलम्ब पूर्ण कर लिये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने जनपद के तीनों तहसीलो के उप जिलाधिकारीगण को अपने-अपने तहसीलों में बाढ़ से बचाव के दृष्टिगत किये जा रहें प्रबन्धों एवं आवश्यक व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण करते रहने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बाढ़ सम्भावित क्षेत्रों का भ्रमण कर स्थानीय लोगो से किसी भी सम्भावित समस्या के बारे में पहले से ही जानकारी प्राप्त कर इसका निस्तारण सुनिश्चित करा लिया जाए। जिलाधिकारी ने जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देशित किया कि शत-प्रतिशत हैण्ड पम्पों को क्रियाशील रखते हुए स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित रखी जाए। उन्होंने बाढ़ के दौरान किसी भी संक्रामक बीमारी को फैलने से रोकने के लिए आवश्यक और जीवन रक्षक दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित रखने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के सम्बंधित अधिकारी को दिये।
जिलाधिकारी ने बाढ़ की सम्भावना से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों विशेष रूप से धनघटा एवं मेंहदावल तहसील में बाढ़ से प्रभावित हो सकने वाले ग्रामीणों एवं उनके पशुओं को बाढ़ के दौरान व्यवस्थित किये जाने हेतु राहत कैम्पों की स्थापना एवं संचालन से सम्बंधित बिन्दुओं की समीक्षा करते हुए सम्बंधित अधिकारियों से उनके जिम्मेदारियों एवं विभागीय कार्याे के विषय में जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिये। राहत कैम्पों की स्थापना एवं संचालन के विषय में जिलाधिकारी ने सम्बंधित उप जिलाधिकारी को राहत शिविरों की स्थापना एवं संचालन से सम्बंधित सभी विभागीय अधिकारियों के साथ समन्वयता बनाये रखने का निर्देश देते हुए कहा कि चूकि बाढ़ एक आकस्मिक आपदा है इसलिए इसके दुष्प्रभाव से बचने हेतु पहले से ही सभी बिन्दुओं पर सतर्क दृष्टि बनाये रखी जाए। उन्होंने राहत शिविरों में स्वच्छ पेयजल, विद्युत आपूर्ति, चिकित्सा की व्यवस्था, क्लोरीन की गोली की उपलब्धता आदि से सम्बंधित बिन्दुओं पर सम्बंधित अधिकारी को निर्देशित किया। जिलाधिकारी ने बाढ़ की सम्भावना से प्रभावित पशुओं हेतु कैम्प की व्यवस्था के साथ उसका उचित देख-रेख, पशुओं के भूसा चारे की व्यवस्था आदि से सम्बंधित बिन्दुओं पर जानकारी प्राप्त करते हुए मुख्य पशु
मई 2025(सू0वि0)।* जिलाधिकारी आलोक कुमार की अध्यक्षता में आगामी बरसात के मौसम में सम्भावित बाढ़ एवं बंधो के कटान आदि से बचाव एवं सुरक्षा के दृष्टिगत बाढ़ स्टीयरिंग कमेटी की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी (वि/रा) जय प्रकाश व मुख्य विकास अधिकारी जयकेश त्रिपाठी उपस्थित रहे।जिलाधिकारी ने जनपद में बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील नदियों राप्ती एवं घाघरा के आस-पास के इलाकों में सम्भावित बाढ़ से पूर्व की जाने वाली तैयारियों की समीक्षा करते हुए बंधो, बाढ़ चौकियो, आश्रय स्थलों, बाढ़ के दौरान फैलने वाली संक्रामक बीमारियों आदि के बारे में सम्बंधित विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने कहा कि सम्भावित बाढ़ के दौरान विभिन्न विभागों द्वारा किये जाने वाले कार्यो/उपलब्ध करायी जाने वाली सेवाओं से सम्बंधित कार्य योजना प्रत्येक दशा में आगामी 15 मई तक अधिशाषी अभियन्ता डेªनेज खण्ड-2 को उपलब्ध करा दें। उन्होंने कहा कि इससे पहले सभी सम्बंधित विभागीय अधिकारी 10 मई 2025 तक अपने विभागीय कार्यो एवं जिम्मेदारी के अनुसार बाढ़ क्षेत्र बंधों आदि का स्थलीय निरीक्षण करने के उपरान्त ही आवश्यकतानुसार कार्य योजना बनाकर उपलब्ध कराये।
बैठक के दौरान बाढ़ अधिकारी/अधिशाषी अधिकारी ड्रेनेज खण्ड ने सम्भावित बाढ़ से बचाव के दृष्टिगत अब तक की तैयारियों के बारे में अवगत कराया। जिलाधिकारी ने बंधों की मरम्मत आदि को गुणवत्ता सहित अबिलम्ब पूर्ण कर लिये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने जनपद के तीनों तहसीलो के उप जिलाधिकारीगण को अपने-अपने तहसीलों में बाढ़ से बचाव के दृष्टिगत किये जा रहें प्रबन्धों एवं आवश्यक व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण करते रहने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बाढ़ सम्भावित क्षेत्रों का भ्रमण कर स्थानीय लोगो से किसी भी सम्भावित समस्या के बारे में पहले से ही जानकारी प्राप्त कर इसका निस्तारण सुनिश्चित करा लिया जाए। जिलाधिकारी ने जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देशित किया कि शत-प्रतिशत हैण्ड पम्पों को क्रियाशील रखते हुए स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित रखी जाए। उन्होंने बाढ़ के दौरान किसी भी संक्रामक बीमारी को फैलने से रोकने के लिए आवश्यक और जीवन रक्षक दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित रखने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के सम्बंधित अधिकारी को दिये।
जिलाधिकारी ने बाढ़ की सम्भावना से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों विशेष रूप से धनघटा एवं मेंहदावल तहसील में बाढ़ से प्रभावित हो सकने वाले ग्रामीणों एवं उनके पशुओं को बाढ़ के दौरान व्यवस्थित किये जाने हेतु राहत कैम्पों की स्थापना एवं संचालन से सम्बंधित बिन्दुओं की समीक्षा करते हुए सम्बंधित अधिकारियों से उनके जिम्मेदारियों एवं विभागीय कार्याे के विषय में जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिये। राहत कैम्पों की स्थापना एवं संचालन के विषय में जिलाधिकारी ने सम्बंधित उप जिलाधिकारी को राहत शिविरों की स्थापना एवं संचालन से सम्बंधित सभी विभागीय अधिकारियों के साथ समन्वयता बनाये रखने का निर्देश देते हुए कहा कि चूकि बाढ़ एक आकस्मिक आपदा है इसलिए इसके दुष्प्रभाव से बचने हेतु पहले से ही सभी बिन्दुओं पर सतर्क दृष्टि बनाये रखी जाए। उन्होंने राहत शिविरों में स्वच्छ पेयजल, विद्युत आपूर्ति, चिकित्सा की व्यवस्था, क्लोरीन की गोली की उपलब्धता आदि से सम्बंधित बिन्दुओं पर सम्बंधित अधिकारी को निर्देशित किया। जिलाधिकारी ने बाढ़ की सम्भावना से प्रभावित पशुओं हेतु कैम्प की व्यवस्था के साथ उसका उचित देख-रेख, पशुओं के भूसा चारे की व्यवस्था आदि से सम्बंधित बिन्दुओं पर जानकारी प्राप्त करते हुए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया। जिलाधिकारी ने शहर/नगर पालिका क्षेत्र में बरसात के मौसम में सम्भावित जल जमाव से निपटने के लिए पहले से ही जल निकासी की व्यवस्था एवं नालों की साफ-सफाई दुरूस्त करने के निर्देश सम्बंधित अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका/नगर पंचायत को दिये गये।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 रामानुज कनौजिया, अपर पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार सिंह, परियोजना निदेशक संजय कुमार नायक, उप जिलाधिकारी खलीलाबाद शैलेश दुबे, उप जिलाधिकारी धनघटा अरुण कुमार, उप जिलाधिकारी मेहदावल संजीव राय, अपर उप जिलाधिकारी उत्कर्ष श्रीवास्तव, उप जिलाधिकारी (न्यायिक) मेहदावल डॉ0 सुनील कुमार, तहसीलदार खलीलाबाद आनंद ओझा, तहसीलदार धनघटा योगेंद्र पांडेय, तहसीलदार मेहदावल अल्पिका वर्मा, अधिशाषी अभियंता ड्रेनेज खंड राम उजागिर व अधिशाषी अभियंता विद्युत सहित संबंधित अधिकारी आदि उपस्थित रहे।
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