नेशनल डॉक्टर्स डे: मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाने को इच्छुक बेटियों के लिए गुजरात सरकार की ‘मुख्यमंत्री कन्या केलवणी निधि योजना’ बनी वरदान
गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के विकास में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा है, “21वीं सदी के भारत के तेज विकास के लिए महिलाओं का त्वरित विकास और उनका सशक्तिकरण काफी महत्वपूर्ण है।” उनके दूरदर्शी नेतृत्व में सरकार ने एक समावेशी और महिला-नेतृत्व वाले विकास के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री द्वारा दिखाई गई राह पर आगे बढ़ते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य में सभी लोगों, विशेषकर लड़कियों के लिए शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित करने के सक्रिय प्रयास किए हैं। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य में मेडिकल शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य सरकार इस बात को लेकर निरंतर प्रयासरत है कि राज्य की महिलाएं भी मेडिकल क्षेत्र में अपना करियर बनाएं और एक कुशल डॉक्टर बनकर स्वास्थ्य सेवाओं में अपना योगदान दें।
25,768 छात्राओं को डॉक्टर बनने के लिए मिली 772 करोड़ की सहायता
मुख्यमंत्री कन्या केलवणी निधि योजना (एमकेकेएन) के अंतर्गत छह लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवार की ऐसी छात्राएं, जो कक्षा 12 के बाद एमबीबीएस में प्रवेश प्राप्त करती हैं, उन्हें राज्य सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाती है। इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा अब तक 25,768 छात्राओं को डॉक्टर बनने के लिए 772 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। वर्ष 2024-25 के लिए इस योजना के तहत 4500 छात्राओं को 150 करोड़ रुपये की सहायता देने के लक्ष्य के सापेक्ष 5155 छात्राओं को 162.69 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है।
उल्लेखनीय है कि गुजरात सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या केलवणी निधि योजना वर्ष 2017-18 में शुरू की थी। इस योजना के अंतर्गत, 6 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवार की छात्राओं के लिए 50 फीसदी प्रवेश शुल्क राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित किया जाता है, जो अपने नीट स्कोर के आधार पर एमबीबीएस में प्रवेश प्राप्त करती हैं। इस सहायता के लिए छात्राओं की सामुदायिक पृष्ठभूमि को ध्यान में नहीं लिया जाता है।
“मुख्यमंत्री कन्या केलवणी निधि योजना के कारण ही मेडिकल में एडमिशन लेने का हौसला मिला”
अहमदाबाद के मणिनगर क्षेत्र में स्थित नरेन्द्र मोदी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर डॉक्टर बनने वाली मूल जामनगर निवासी प्रतिभाबेन चौहाण कहती हैं, “एमबीबीएस करने के लिए प्राइवेट कॉलेजों की फीस बहुत ज्यादा होती है, इसलिए अच्छे नंबर एवं अच्छे कॉलेज में मेरिट में नाम होने के बावजूद आर्थिक स्थिति के सामान्य होने के कारण एडमिशन लेने में हिचकिचाहट होती है। लेकिन कई सीनियर डॉक्टरों के जरिए मुझे मुख्यमंत्री कन्या केलवणी निधि योजना के बारे में जानकारी मिली और मैंने आवेदन कर दिया। इस योजना के कारण ही मुझे प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में पढ़ने का हौसला मिला और आर्थिक दृष्टि से एक बड़ा सहारा मिला। मेरे साढ़े चार वर्षों की एमबीबीएस की शिक्षा के दौरान मुझे राज्य सरकार की ओर से कुल 25,48,000 रुपये की सहायता प्राप्त हुई। आज मैं डॉक्टर बनने का अपना सपना साकार कर पाई हूं और अब स्नातकोत्तर की पढ़ाई की तैयारी कर रही हूं। मैं और मेरा परिवार इसके लिए गुजरात सरकार का बहुत आभार व्यक्त करते हैं।”
प्रतिभाबेन जैसी राज्य की अनेक महत्वाकांक्षी छात्राओं का डॉक्टर बनने का सपना आज राज्य सरकार की इस योजना के कारण साकार हो रहा है।
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