जिलाधिकारी द्वारा की गई जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक

 
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कौशाम्बी।  जिले में जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी द्वारा सम्राट उदयन सभागार में सम्बन्धित अधिकारियों के साथ जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने जननी सुरक्षा योजना, चिकित्सकों एवं सीएचओ की उपलब्धता, आशा कार्यक्रम/आशा भुगतान, जननी सुरक्षा, परिवार कल्याण कार्यक्रम, जननी शिशु सुरक्षा, विटामिन बर्थ डोज मंत्रा पोर्टल, मातृ मृत्यु समीक्षा, टीकाकरण कार्यक्रम, एएनसी चेकप एवं आभा आईडी योजना सहित आदि अन्य योजनाओं की बिन्दुवार समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सभी प्रभारी चिकित्साधिकारी, एएनएम एवं आरबीएसके की टीम गांव में भ्रमण कर गर्भवती महिलाओ (एचआरपी) के बारे जानकारी प्राप्त करें, कि उनका नियमित टीकाकरण/चेकप हो रहा है या नहीं। सघर्षशील/मध्यम आशाओं को निरीक्षण के दौरान चिन्हित कर उन्हें प्रशिक्षित करें एवं जागरूक करें। उन्होंने कहा कि आशायें घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं को शिशुओं की देखभाल कैसे करनी है, इसके बारे में जागरूक करें, जिससे शिशु मृत्युदर को कम किया जा सकें। उन्होंने एमओवाईसी, एडिशनल सीएमओ को सीएचओ की मॉनीटंरिंग सही तरीके से किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि यदि सीएचओ मजबूत नहीं होगा, क्या करना है उसे जानकारी नहीं होगी तो वह अच्छे से कार्य नहीं कर पायेंगा, उनके साथ लगातार बैठक कर उन्हें ट्रेण्ड करें। गर्भवती महिलाओ के सरकारी अस्पताल से रिफर किये जाने की संख्या ज्यादा होने पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा एडिशनल सीएमओ एवं डिप्टी सीएमओ टीम बनाकर लगातार जॉच कर यह सुनिश्चित करें कि जहॉ तक सम्भव हो सरकारी अस्पताल में ही सुरक्षित प्रसव करवायें। मूरतगंज में एचआरपी चिन्हीकरण न करने वाली आशाओं की संख्या कम होने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए वहॉ के एमओवाईसी को प्रतिकूल प्रविष्टि दिये जाने के निर्देश मुख्य चिकित्साधिकारी को दियें।बैठक में जिलाधिकारी द्वारा जननी सुरक्षा योजना की समीक्षा के दौरान सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों में हुए प्रसव सम्बन्धी ऑकड़ों की जानकारी प्राप्त की गई। उन्हांने कहा कि प्रसूता को निर्धारित समयावधि 48 घण्टें तक अस्पताल में रोका जाय। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकत्रियों द्वारा गर्भवती महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा प्रसव सरकारी अस्पताल में कराने के लिए जागरूक किया जाय। जिलाधिकारी ने जनपद में मिसिंग डिलेवरी (जिनका रजिस्टर में अंकन नहीं है) की संख्या ज्यादा होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए 15 मई तक मिसिंग डिलेवरी की रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दियें, उपलब्ध न कराने पर एमओवाईसी एवं डिप्टी सीएमओ इसके जिम्मेदार होंगे। उन्होंने ब्लॉकवार आशा, एचबीएनसी एवं एचबीवाईसी को किट की 100 प्रतिशत उपलब्धता एक माह के अन्दर कराने के निर्देश मुख्य चिकित्साधिकारी को दियें। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी, बीएमसी एवं एमओवाईसी को निर्देशित करते हुए कहा कि फील्ड में भ्रमणशील रहकर गर्भवती महिलाओं को जागरूक करें, जिससे मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी आयेंगी, यदि दुर्भाग्यवश कहीं कोई मृत्यु होती भी है तो उसका ऑडिट कर, जो भी कमियॉ रह गई हैं, उसमें सुधार लाने का प्रयास किया जाय। उन्होंने आर0बी0एस0के0 टीमां द्वारा सैम/मैम बच्चां के चिन्हीकरण में गलत जानकारी देकर गुमराह किये जाने पर कठोर नाराजगी व्यक्त करते हुए आर0बी0एस0के0 के नोडल डॉ0 अवधेश का वेतन रोकने के साथ ही प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश मुख्य चिकित्साधिकारी को दियें। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने सैम/मैम बच्चों के चिन्हीकरण में गलत रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाले डीपीएम मंझनपुर डॉ0 ओपी राय का एक माह का वेतन रोकने के निर्देश मुख्य चिकित्साधिकारी को दियें।जिलाधिकारी ने आभा आईडी जनरेट की समीक्षा के दौरान अप्रैल माह में विकास खण्ड-सरसवा, सिराथू, कड़ा एवं कनैली के आभा आईडी जनरेट की स्थिति 70 प्रतिशत से कम पाये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्हांने सम्बन्धित ब्लॉकों के एडिशनल सीमओ का एक दिन का वेतन रोकने के निर्देश मुख्य चिकित्साधिकारी को दियें। उन्होंने आर0बी0एस0के0 टीम को निर्देशित करते हुए कहा कि ग्राम पंचायतों में भ्रमण कर लक्ष्य के सापेक्ष किशोरियों की जॉच एवं सैम/मैम बच्चों का वजन आदि सहित अन्य कार्यों को करेंगे। साथ ही निरीक्षण के दौरान आशा बहुॅओं एवं ऑगनबाड़ी कार्यकत्रियों से वजन व लम्बाई की जॉच अपने सामने करायें अगर वे सही ढंग से जॉच नहीं कर पा रही है तो उसे सिखायें।बैठक में जिलाधिकारी ने परिवार कल्याण कार्यक्रमों की समीक्षा के दौरान प्रभारी चिकित्साधिकारियों से कहा कि कार्ययोजना बनाकर लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने एएनसी रजिस्ट्रेशन की समीक्षा के दौरान सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को गर्भवती महिलाओं की एएनसी चेकअप पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दियें। उन्होंने नियमित टीकाकरण की समीक्षा के दौरान सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों से कहा कि आशा एवं एएनएम के साथ नियमित रूप से बैठक कर टीकाकरण की प्रगति की समीक्षा की जाय तथा आशा एवं एएनएम के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाय कि वे अपने बच्चों का टीका अवश्य लगवायें। जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय अन्धता निवारण कार्यक्रम, पुनरीक्षित क्षय रोग नियन्त्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय कुष्ठ रोग कार्यक्रम आदि की भी विस्तृत समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 संजय कुमार एवं प्राचार्य मेडिकल कॉलेज डॉ0 हरिओम सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहें।  


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