#हरियावां:-खंड शिक्षा अधिकारी पर, प्रधानाध्यापक भारी

समय से ड्यूटी ना आने को लेकर हुई कार्रवाई तो क्षेत्रीय विधायक से कर दी मनगढ़ंत शिकायत

हरदोई।तुम्हारी 'फ़ाइलो' में परिषदीय स्कूलों का मौसम 'गुलाबी' मगर आंकड़े 'झूठे' हैं जनाब प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही गांव के विद्यालयों की सूरत बदलने और नौनिहालों के भविष्य को चमकाने के लिये तमाम योजनाएं चलवा रखी है। वही अध्यापकों की राजनीतिक सरपरस्ती सरकार के अरमानों पर लगातार पानी फेर रही है। दरअसल जिले के हरियावां विकासखंड के गांव जरेली में स्थित कंपोजिट विद्यालय में एक ऐसा अध्यापक जिसके चर्चे शिक्षा विभाग से लेकर राजनीतिक गलियारों में  आम है।हरियावां क्षेत्र के थमरवा निवासी कमल किशोर उर्फ के.के.(कोहली) जो की बेसिक शिक्षा विभाग में सांठ गांठ के माध्यम से अध्यापक की नौकरी पा गया फिर शुरू हुआ उनके भ्रष्टाचार का खेल जिसे सुनकर आप भी दांतों तले उंगली दबा लेंगे।सूत्र बताते हैं कि कोहली का राजनीतिक रसूख इस कदर हावी है।की विभाग के छोटे या जिले का बडे अधिकारी भी कार्रवाई करने से डरने लगे हैं।आपको बताते चलें के के (कोहली) को कुछ वर्ष पूर्व विद्यालय लेट पहुंचने,व विद्यालय में भरस्टाचार के चलते तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शाहाबाद स्थानांतरण कर दिया था। चंद दिन बाद अपने राजनीतिक आकाओं के संरक्षण के चलते पुनः ब्लॉक हरियावां के उसी जरेली कंपोजिट विद्यालय में नियुक्ति पा ली जहां से कार्यवाई ही थी तब से इसी विद्यालय में कार्यरत है। आलम यह है कि आधा दर्जन से अधिक अध्यापकों वाला यह विद्यालय जहां सभी टीचर भ्रष्टाचार के सरगना के के (कोहली) के मुताबिक अलग-अलग ड्यूटी की खाना पूर्ति कर रहे हैं।सूत्र बताते हैं कि ड्यूटी न करने की एवज में अध्यापकों से महीना वसूली भी की जाती है। अगर विद्यालय में भ्रष्टाचार की बात करें तो विद्यालय की बाउंड्री बाल बनने के लिए शासन द्वारा 4.लाख बीस हजार की धनराशि अवमुक्त की गई थी जिसमें महज खाना पूर्ति कर पुरानी बाउंड्री बाल को ही प्लास्टर पुताई कराकर नया दर्शा दिया। बच्चों को मिलने वाले दूध फल आदि दैनिक आहार की धनराशि वर्षों से बंदरबाट की जा रही है।इस सम्बंध में खंड शिक्षा अधिकारी छोटेलाल द्वारा बताया गया कोहली के खिलाफ लगातार शिकायते मिल रही थी जिसके क्रम में उनपर कार्यवाई की गई थी, परंतु कार्यवाई से खुन्नस खाये के के कोहली ने राजनीतिक रसूक के चलते ही क्षेत्रीय विधायक का पैड लगवाकर मुख्यमंत्री से शिकायत करवा दी। जहां इस पूरी घटना से खंड शिक्षा अधिकारी पूरी तरह असहज है।वही कार्रवाई के नाम पर एक बारगी वह अपना खुद का दुखड़ा ही बता बैठे। अब देखना यह होगा इस पूरे प्रकरण में योगी सरकार का भ्रष्टाचार मुक्त उत्तर प्रदेश का हंटर चलेगा या नहीं।
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