पहलगाम हमले के संदिग्‍धों के श्रीलंका पहुंचने की सूचना, लेकिन....

पहलगाम हमले के संदिग्‍धों के श्रीलंका पहुंचने की सूचना, लेकिन....

नई दिल्ली। जम्‍मू-कश्‍मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद से ही सुरक्षा एजेंसियां बेहद सतर्क हैं और संदिग्‍ध आतंकियों को पकड़ने की हर संभव कोशिश में जुटी है. भारत से मिली एक सूचना के बाद आज दोपहर कोलंबो एयरपोर्ट पर व्यापक तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले में शामिल छह संदिग्धों के चेन्नई से उड़ान भरकर श्रीलंका पहुंचने की आशंका जताई गई. 

श्रीलंकाई एयरलाइंस की उड़ान UL122 आज दोपहर  11:59 बजे भंडारनायके अंतरराष्‍ट्रीय एयरपोर्ट पहुंची, जहां पर उसकी गहन सुरक्षा तलाशी ली गई.  

भारत से मिली थी सूचना
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय अधिकारियों ने श्रीलंका को सचेत किया था कि पहलगाम के छह संदिग्ध विमान में सवार हैं. उन्होंने बताया कि संदिग्धों के श्रीलंकाई एयरलाइंस के विमान से कोलंबो पहुंचने की संभावना है. 

स्थानीय रिपोर्टों से पता चलता है कि श्रीलंका पुलिस, श्रीलंका वायु सेना और एयरपोर्ट की सुरक्षा इकाइयों ने संयुक्त रूप से तलाशी अभियान चलाया. हालांकि उन्‍हें कोई भी संदिग्‍ध नहीं मिला है. 

एयरलाइंस ने जारी किया बयान
श्रीलंकाई एयरलाइंस के बयान के मुताबिक, विमान की गहन जांच की गई. इसके लिए स्‍थानीय अधिकारियों के साथ संपर्क किया गया. बयान में कहा गया कि उन्‍हें चेन्‍नई एरिया कंट्रोल सेंटर ने भारत में वांछित संदिग्‍ध के बारे में अलर्ट किया गया था, जिसके विमान में सवार होने की आशंका थी. 

बयान में कहा गया कि विमान की गहन जांच के बाद इसे आगे के संचालन के लिए मंजूरी दे दी गई. हालांकि अनिवार्य सुरक्षा प्रक्रिया के कारण सिंगापुर के लिए उड़ान UL 308 में देरी हुई है. 

एयरलाइंस ने कहा कि हमारे यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. हम यह कोशिश करते हैं कि सुरक्षा के उच्चतम मानकों को लगातार बनाए रखा जाए. 

पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत
बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादियों ने एक नेपाली पर्यटक सहित कम से कम 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी. हमले की जांच का जिम्‍मा आतंकवाद विरोधी एजेंसी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपा गया है. 


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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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