कैंसर में गवा चुकें आखों को मिलेगा कॉस्मेटिक आंख

केजीएमयू में बनी नेत्र प्रोस्थेसिस प्रयोगशाला

कैंसर में गवा चुकें आखों को मिलेगा कॉस्मेटिक आंख

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के नेत्र विज्ञान ओपीडी परिसर में बनी नेत्र प्रोस्थेसिस प्रयोगशाला का शुभारंभ किया गया। इसका उद्घाटन कुलपति , प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद द्वारा किया गया।

प्रोफेसर डा अपजीत कौर ने बताया कि नेत्र प्रोस्थेसिस लैब की स्थापना उन रोगियों के पुनर्वास में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है जो चोट या कैंसर के कारण अपनी आंखें खो देते हैं, इस प्रकार उन्हें न केवल कॉस्मेटिक बहाली बल्कि मनोवैज्ञानिक पुनर्संयोजन और आत्मविश्वास भी मिलता है।

प्रयोगशाला कस्टम-निर्मित, हाथ से पेंट किए गए नेत्र कृत्रिम अंग प्रदान करने के लिए सुसज्जित है, जो इष्टतम फिट, आराम और सौंदर्य परिणाम सुनिश्चित करता है। ओकुलर प्रोस्थेसिस लैब का उद्घाटन केजीएमयू की स्वास्थ्य सेवा में उत्कृष्टता की ओर एक और कदम का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें रोगी की गरिमा,पुनर्वास और जीवन की गुणवत्ता पर समर्पित ध्यान दिया जाता है।

प्रो-वाइस चांसलर और नेत्र विज्ञान विभाग की प्रमुख प्रोफेसर अपजीत कौर ने इस पहल की परिकल्पना की और इसे आगे बढ़ाया। इस कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित संकाय सदस्यों ने भाग लिया, जो रोगी-केंद्रित नेत्र चिकित्सा देखभाल में एक मील का पत्थर मान रहे थे। इस सुविधा की स्थापना में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ और आर्ट आईज, नई दिल्ली के सीईओ सचिन गुप्ता को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।

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