दाखिल खारिज की पत्रावली को साक्ष्य के अभाव में निरस्त न करें - अनूप प्रधान
मैनपुरी-राजस्व राज्यमंत्री, जनपद के प्रभारी मंत्री अनूप प्रधान ने तहसील सदर, भोगांव का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने तहसील सदर के निरीक्षण के दौरान दायरा के अनुसार निर्णित वादों की समीक्षा करने पर पाया कि तहसील सदर में धारा-67 के 400 वादों के सापेक्ष माह दिसंबर तक 316 वाद निर्णित कर 36.30 हेक्टेयर भूमि को खाली कराने का आदेश पारित कर रू. 03 करोड़ 94 लाख का जुर्माना लगाया गया, जिसमें से अब तक 31.14 हेक्टेयर भूमि को खाली कराकर रू. 02 करोड़ 80 लाख का जुर्माना भी वसूला जा चुका है, शेष पर कार्यवाही संचालित है, सार्वजनिक उपयोग की भूमि यथा तालाब, चारागाह, श्मशान आदि से अनाधिकृत कब्जे के संबंध में उ.प्र. ज. वि. अ. की धारा-122 बी, 67 के अंतर्गत पारित आदेश के अनुपालन में रतिभानपुर में शिवदयाल द्वारा चारागाह की 02 हे. भूमि पर किए ग।
अवैध कब्जे को जुतबाकर मुक्त कराया गया जबकि ग्राम पंचायत रठेरा में जागेश्वर सिंह द्वारा बजंर की भूमि एवं सत्य प्रकाश द्वारा मरघट की भूमि तथा ग्राम पंचायत घुसलेण्डा में नरेश द्वारा युवक मंगल दल की भूमि पर पर किए गए अनाधिकृत कब्जे को हटवाकर भूमि खाली कराई गई, जिस पर उन्होंने तहसील सदर में धारा-67 के अंतर्गत की गई कार्यवाही पर संतोष व्यक्त किया लेकिन अमल दरामद, दाखिल खारिज पत्रावलियों के निस्तारण में किए जा रहे विलंब पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि दाखिल खारिज की कई पत्रावलियां साक्ष्य उपलब्ध न होने का कारण दर्शाकर निरस्त की गई है, विवादित विरासत के प्रकरण में भी प्रभावी कार्यवाही नहीं की जा रही है, जिस पर उन्होंने उप जिलाधिकारी, तहसीलदार सदर से कहा कि शासन की मंशा के अनुसार कार्य करें, साक्ष्यों के आभाव में दाखिल खारिज की पत्रावलियां निरस्त न की जाए।
बल्कि संबंधित को नोटिस जारी कर साक्ष्य प्राप्त किए जाएं, 45 दिन में दाखिल खारिज एवं 13 दिन में अविवादित विरासत प्रत्येक दशा में दर्ज हो।उन्होंने उप जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी न्यायिक, तहसीलदार, तहसीलदार न्यायिक, नायब तहसीलदार न्यायालय में वादों की प्रगति की समीक्षा करने पर पाया कि वादों का निराकरण दायरा के अनुसार नहीं किया जा रहा है। उन्होंने उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, तहसीलदार न्यायिक, नायब तहसीलदारों को आदेशित करते हुए कहा कि नियमित रूप से न्यायालय में बैठकर वादों का निराकरण करें, पुराने वादों पर जल्दी-जल्दी तिथि देकर निस्तारित किया जाए।
उन्होंने दाखिल खारिज हेतु पत्रावली संख्या-670 उद्दैतपुर अभई सकटू बनाम रूपलाल, पत्रावली संख्या-671 कूकामई अंकित बनाम बैजंतीमाला, पत्रावली संख्या-672 खरपरी बृजेश सिंह बनाम कमल सिंह, पत्रावली संख्या-673 गंागसी रविंद्र कुमार बनाम स्नेहलता के बेनामों के दाखिल खारिज में साक्ष्य के अभाव में निरस्त किए गए है, जिस पर उन्होने पत्रावलियों को कारण सहित प्रस्तुत करने के निर्देश तहसीलदार को दिए।प्रभारी मंत्री ने तहसील भोगांव के निरीक्षण के दौरान सार्वजनिक भूमि पर अनाधिकृत कब्जों के तहत धारा-67 में की गई कार्यवाही की जानकारी करने पर पाया कि माह में .975 हे. भूमि से अनाधिकृत कब्जा हटवाकर रू. 23 हजार 375 का जुर्माना वसूला गया। उन्होंने धारा-24 के वादों के निस्तारण की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए।
धारा-33, 34 के वादों के निस्तारण की प्रगति में भी सुधार लाने के निर्देश दिए। उन्होने तहसीलों के निरीक्षण के दौरान राजस्व वसूली की समीक्षा करते हुये कहा कि बड़े बकायादारों से बकाया की धनराशि जमा करायी जाये, तहसीलदार, नायब तहसीलदार क्षेत्र मे निकलकर वसूली करें, आमजन की शिकायतों का भी त्वरित एवं गुणवत्तापरक निराकरण किया जाये ताकि फरियादी को अपनी समस्या के निदान के लिए भटकना न पड़े।निरीक्षण के दौरान पैक्सफेड के चेयरमैन प्रेम सिंह शाक्य, जिलाध्यक्ष राहुल चतुर्वेदी, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष आलोक गुप्ता, ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि घिरोर सत्यपाल यादव, ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि किशनी विशाल बाल्मिकी, ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि बेवर भल्लू चौहान, प्रदीप सिंह राज, पूर्व ब्लॉक प्रमुख राहुल राठौर, भूपेन्द्र यादव, शेर सिंह भदौरिया, ममता राजपूत के अलावा उप जिलाधिकारी सदर, भोगांव, कुरावली अभिषेक कुमार, संध्या शर्मा, राम नारायण, तहसीलदार सदर विशाल सिंह आदि उपस्थित रहे।
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