आरटीओ में खाली पड़ी कुर्सी खा रही एसी व पंखे की हवा!

ऊमस भरी गर्मी में बिजली की आवाजाही से शहर वासी परेशान

आरटीओ में खाली पड़ी कुर्सी खा रही एसी व पंखे की हवा!

  • टीपीनगर परिवहन कार्यालय में ‘बिजली बचाओ’ का अजब दृश्य

लखनऊ। राजधानी के ट्रांसपोर्ट नगर इलाके में मौजूद आरटीओ दफ्तर का हाल गुरूवार अजब-गजब दी देखने को मिला। इस भीषण गर्मी में एक तरफ जहां राजधानी लखनऊ के कई इलाकों में लोग जोकि नियमित विद्युुत उपभोक्ता भी हैं, वो असमय पॉवर कट की समस्या से जूझ रहे हैं, वहीं गुरूवार को आरटीओ कार्यालय में अधिकारियों के चैंबर में खाली पड़ी कुर्सी, फाइलें और टेबल एसी और पंखे की हवा खाते कैमरे में कैद हो गये। यह आलम आरटीओ कार्यालयों के अफसरों के केबिन का रहा। सूबे की सरकार जहां एक ओर बिजली आपूर्ति को लेकर लगातार निर्देश जारी कर रही है,वहीं बिजली मंत्री भी लगातार दौरे पर दौरा कर रहे हैं। जबकि आरटीओ दफ्तर में बिजली की इस बदहाली पर बोलने वाला कोई नहीं है।

दरअसल,तरुणमित्र की टीम गुरूवार शाम चार बजे आरटीओ दफ्तर का जमीनी जायजा लेने पहुंची थी। इसी दौरान टीम को आरटीओ कार्यालय में पहले एआरटीओ प्रशासन और फिर आरटीओ प्रवर्तन के कक्ष का यह उपरोक्त नज़ारा दिखा जोकि कैमरे में कैद हो गया। हलांकि इस दौरान आरटीओ प्रशासन अपनी कुर्सी पर दिनभर की गतिविधियों और फाईलों के निस्तारण को लेकर अपने स्टॉफ से बातचीत करते नजर आये।

बता दें कि उक्त दोनों अफसरों के कमरे पूरी तरह एसी की कूलिंग से चिल्ड थे, इन कमरों में पंखे और लाइटें भी जल रही थी। कोई भी कर्मचारी इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहा था। सब अपने कार्यों में जैसे मस्त और व्यस्त थे। इन अधिकारियों के कमरे में बेवजह चल रहे एसी पंखे की हवा मानो टेबल,फाइलें और कुर्सियां खा रही हों।

डीएम के आदेश पर सील बिल्डिंग खुली!
आरटीओ कार्यालय के बाहर बनी बिल्डिंग में अनधिकृत तरीके से जब दलालों का सिंडिकेट चल रहा था तो बीते दिनों इसकी शिकायत किये जाने पर मौजूदा डीएम विशाख जी अय्यर ने त्वरित संज्ञान लिया था और यहां का औचक दौरा किया था। इस दौरान कई बाहरी व्यक्ति पकड़े भी गये थे और तभी डीएम के आदेश पर उक्त बिल्डिंग को सील कर दिया गया था और बाहर दीवार पर बकायदे चेतावनी भी लिखी गई थी। मगर गुरुवार को एलडीए की चेतावनी की जगह बिल्डिंग मालिक द्वारा बिना लाइसेंस दुकान चलाने वालों को दुकान खाली करने का नोटिस बैनर के तौर पर टंगा नजर आया।

धूल खा रहा लाखों रुपए का इंटरसेप्टर!
आरटीओ कार्यालय परिसर में उक्त नज़ारे के बाद एक और ऐसा दृश्य दिखा जोकि पिछले काफी समय से अपनी ही जगह पर पूरी तरह टिका हुआ है। परिसर में लाखों रुपए की लागत से खरीदा गया इंटरसेप्टर धूल खाता हुआ नज़र आया।

गौर हो कि ये इंटरसेप्टर वही हैं जोकि योगी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता, परिवहन मंत्री की गहन मंशा और परिवहन आयुक्त मुख्यालय के रोड सेफ्टी विंग के अथक प्रयासों से शासन द्वारा मुहैया कराये गये थे। हैरानी की बात यह है कि यह धूल फांकता इंटरसेप्टर आज ही नहीं, पिछले काफी समय से वहीं पर खड़ी है जिसका पुरसाहाल लेने वाला कोई नहीं है, जबकि दूसरी तरफ विभाग के ही तमाम अधिकारी और कर्मी अक्सर यह कहते सुने जाते हैं कि उन्हें तो केवल रोड सेफ्टी टीम से जोड़ दिया गया, संसाधन तो दिया ही नहीं गया।

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