नियुक्ति पत्रावली गायब नहीं हुई है प्रबंधक द्वारा छुपाई गई है–प्रधानाचार्य
प्रबंधक द्वारा पत्रावली गायब होने की सूचना मुझे नहीं दी गई–प्रधानाध्यापक
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भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए पत्रावली खोने का नाटक किया जा रहा है पत्रावली अगर खो गई थी तो खोने की सूचना मुझे भी दी जाती–प्रधानाचार्य
नौ साल पहले गायब हुई नियुक्ति पत्रावली अब कैसे होगी जांच
सुल्तानपुर। मनोज कुमार, प्रबंधक, शंकर सुवन लघुमाध्यमिक विद्यालय, बहलोलपुर के पास से नौ साल पहले गायब हो गई नियुक्ति पत्रावली। अब जिलाधिकारी द्वारा गठित जांच समिति अनियमित नियुक्ति के आरोपों की कैसे करेगी जांच। बताते चले ममता सिंह की शिकायत पर जिलाधिकारी, सुल्तानपुर ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में तीन सदस्यी जांच समिति गठित की जिसके सदस्य उपजिलाधिकारी सदर, वरिष्ठ कोषाधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, सुल्तानपुर हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा शंकर सुवन लघु माध्यमिक विद्यालय, बहलोलपुर के प्रबंधक मनोज कुमार से नंदिता सिंह की नियुक्ति पत्रावली मांगने पर प्रबंधक ने पत्र के द्वारा बताया कि नंदिता सिंह की पत्रावली 2016 में खो गई है जिसे अब दे पाना संभव नहीं है। वैसे देखा जाय तो किसी की नियुक्ति पत्रावली खो जाना प्रथम दृष्टया नियुक्ति की प्रक्रिया पर संदेह पैदा करता है। जिसमें प्रबंधक की भूमिका संदिग्ध प्रतीत होती है। विद्यालय के प्रबंधक मनोज कुमार द्वारा नियुक्ति पत्रावली खो देने पर कुछ प्रश्न उभर कर आते हैं। जिसका उत्तर खोजना होगा। पहला विद्यालय में नियुक्त कितने शिक्षक की नियुक्ति पत्रावली खोई है?
दूसरा प्रबंधक द्वारा नियुक्ति की पत्रावली खोने की प्राथमिकी स्थानीय थाने में किस तिथि को दर्ज हुई और प्राथमिकी की प्रति कहां है?
तीसरा विद्यालय की नियुक्ति आदि पत्रावली खोने की सूचना प्रबंधक द्वारा बेसिक शिक्षा विभाग को कब दिया गया?
चौथा प्रबंधक द्वारा नौ साल पहले शिक्षकों के नियुक्ति की पत्रावली खो देने के बाद नियुक्ति पत्रावली की द्वितीय प्रति बनाने की क्या प्रक्रिया की गई?
विद्यालय के प्रधानाध्यापक यादवेन्द्र यादव ने खोई हुई नियुक्ति पत्रावली के बारे में बताया कि नियुक्ति पत्रावली गायब नहीं है वह प्रबंधक के पास है। क्योंकि अभी जल्द ही सभी शिक्षकों आदि के शैक्षिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराने का आदेश जारी हुआ था। सभी के शैक्षिक प्रमाणपत्र का सत्यापन प्रबंधन के द्वारा कराया गया। अगर पत्रावली उनके पास नहीं थी तो सत्यापन कैसे हुआ? पत्रावली खो गई है तो पत्रावली की द्वितीय प्रति क्यों नहीं बनाई गई? विद्यालय का प्रधानाध्यापक होने के बाद भी आज तक मुझे भी नियुक्ति पत्रावली खोने की सूचना नहीं दी गई।
बेसिक शिक्षा अधिकारी उपेंद्र गुप्ता से गायब नियुक्ति पत्रावली के संदर्भ में बात करने पर बताया गया की विद्यालय के प्रबंधक मनोज कुमार से नंदिता सिंह की नियुक्ति नियुक्ति की पत्रावली मांगने पर प्रबंधक ने बताया कि नियुक्ति की पत्रावली खो गई है। प्रबंधक का व्यवहार संदेहास्पद है। पुनः पत्रावली हेतु प्रबंधक को पत्र प्रेषित किया गया। प्रबंधक द्वारा पत्र का जवाब मिलने पर उचित कार्यवाही की जायेगी।
अपने विद्यालय के शिक्षकों की नियुक्ति पत्रावली खोने वाले प्रबंधक मनोज कुमार तिवारी वही हैं जिन पर शिक्षकों से अवैध वसूली और मध्याह्न भोजन में घोटाला करने का आरोप सभी शिक्षक और कर्मचारियों ने एक साथ लगाया है। जिसकी जांच चल रही है।
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