
सण्डीला/हरदोई।सूफ़ियाए काराम ने हमेशा मानवता का सन्देश दिया है धर्म ज़ात पात से ऊपर अमन भाईचारगी मोहबत की शिक्षा को आगे बढ़ाया है।ये बात मख़्दूम ज़ादह हज़रत शाह सय्यद मोहम्मद अहमद फातमी चिश्ती रहमतुल्ला अलैह के सालाना उर्स के अवसर पर खैराबाद से आये दरगाह छोटे मख़्दूम साहब के सज्जादा नशीन सय्यद अज़ीज़ुल हसन रिज़वी मदनी मियां ने कही। नगर के अशराफ़ टोला स्थित सय्यद साहब की दरगाह में अज़ीज़ुल हसन साग़री चिश्ती की निगरानी में आयोजित तीन दिवसीय उर्स के अवसर पर मदनी मियां ने कहा की सूफ़ी बुज़ुर्गों हमेशा तमाम धर्मों का सम्मान करने की शिक्षा दी है। आज सूफी बुज़ुर्गों की शिक्षा से दूरी हमारी भाई चारगी समाप्त हो रही है। दरगाह नसीरया बिलग्राम के सज्जादा नशीन सय्यद अफ़सर मियां ने कहा की हर दौर में औलिया ए कराम ने अमन का सन्देश इनकी दरगाहों पे आने वालों को रूहानी फैज़ के साथ इंसानियत का भी पैग़ाम मिलता है।सय्यद साहब के सज्जादा नशीन मुईज़उद्दीन अहमद सागरी चिश्ती ने कहा सूफ़ि संतों ने समाज से बुराइयों को मिटा कर एक साफ़ समाज की बुन्याद रखी है और चारों तरफ मोहब्बत के चिराग़ रोशन किये हुए हैं।तीन दिवसीय उर्स में ज़ियारत ताबर्रुकात,रंग,महफिले समां, चादर पोशी, लंगर आदि कार्यक्रम शामिल रहे।मौलाना मेहंदी हसन व फ़रीद उद्दीन अहमद ने ईद मीलादुन्नबी को सम्बोधित किया,साहिल फैज़ाबादी,अमानत वारसी,फ़ैयाज़ उद्दीन शहजहाँपुरी,तारिक़ फरुख़बादी ,आशिक़ बरकाती सफीपुरी आदि ने नातिया कलाम पेश किया।इस अवसर पर दरगाह मतलूबिया के नायब सज्जादा नशीन नूरुल हक़ सफ़वी,
शहर क़ाज़ी सय्यद आरिफ अब्दुल्लाह,नायब शहर क़ाज़ी सय्यद असद मेराज, सूफ़ी जाबिर अली,सूफ़ी अज़ीज़ुल हसन चिश्ती,,सूफ़ी शफ़ी अहमद साबरी,मुन्ना साबरी, सूफ़ी इस्हाक़ अली खान सूफ़ी सय्यद तारिक़ मियां के अलावा बड़ी संख्या में उलेमा मशायेख व अक़ीदतमन्द मौजूद रहे।
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