केजीएमयू में एनेस्थिसियोलॉजिस्ट को बढ़ाने को हुई कार्यशाला 

क्रिटिकल केयर विभाग का एनेस्थीसिया कार्यक्रम

केजीएमयू में एनेस्थिसियोलॉजिस्ट को बढ़ाने को हुई कार्यशाला 

लखनऊ। देश में एनेस्थिसियोलॉजिस्ट की कमी को पूरा करने के लिए कार्यशाला की शुरुआत की गई।रविवार को केजीएमयू के शताब्दी फेस 2 ऑडिटोरियम में एनेस्थिसियोलॉजी और क्रिटिकल केयर विभाग द्वारा दो-दिवसीय वर्ल्ड फेडरेशन सोसाइटी ऑफ एनेस्थिसियोलॉजी सेफ एनेस्थीसिया द्वारा कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। जिसमें बाल चिकित्सा एनेस्थिसियोलॉजी प्रशिक्षण, शिक्षा पर महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में बताया गया। वहीं कार्यक्रम की शुरुआत एनेस्थिसियोलॉजी क्षेत्र के जुड़े हुए पेशेवरों के एक पैनल में गांधी मेडिकल कॉलेज सिकंदराबाद के प्रोफेसर डॉ. अवुला मुरलीधर और हैदराबाद से डब्ल्यूएफएसए पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. गीता नाथ शामिल थे।कार्यशाला में में डॉ. जेपी सिंह एनेस्थीसिया के पूर्व विभागाध्यक्ष और इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक एनेस्थीसिया की वर्तमान अध्यक्ष डॉ. अनीता मलिक वक्ताओं में डॉ.सुनील कुमार गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज, जगतियाल, तेलंगाना के एनेस्थिसियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. अरुण कुमार पात्रा, कानपुर में एनेस्थीसिया के सहायक प्रोफेसर, डॉ. वाईवीएस रवि नागप्रसाद, एनेस्थिसियोलॉजी, डॉ. रेणुका श्रीदेवी, एचओडी,एनेस्थीसिया सलाहकार शामिल रही।
 
कार्यशाला में सेफ एनेस्थीसिया प्रोग्राम में बाल चिकित्सा एनेस्थीसिया के विशेष क्षेत्र में एनेस्थेसियोलॉजिस्ट के कौशल और ज्ञान को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। बता दें कि यह कार्यक्रम बाल चिकित्सा एनेस्थिसियोलॉजी में अद्वितीय चुनौतियों और आवश्यकताओं को पूरा करना तथा दवाओं और उपकरणों के लिए उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए विशेष प्रशिक्षण और समझ बढ़ाने पर चर्चा की।
 
इसी क्रम में एनेस्थिसियोलॉजी डॉ. प्रेम राज सिंह ने कार्यक्रम के महत्व पर जोर देते हुए कहा "बाल चिकित्सा एनेस्थेटिस्ट युवा रोगियों के सुरक्षित और प्रभावी प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है कि चिकित्सक सर्वोत्तम देखभाल प्रदान करने के लिए नवीनतम ज्ञान और कौशल से पूर्ण हैं। वहीं डॉ. अवुला मुरलीधर ने कहा कि इससे न केवल भारत में बल्कि दुनिया के अन्य हिस्सों में जहां बाल चिकित्सा एनेस्थेसियोलॉजिस्ट की कमी है।
 
उन्होंने बाल चिकित्सा एनेस्थीसिया प्रशिक्षण को आगे बढ़ाने में आईएपीए की भूमिका पर विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि इस पहल से वैश्विक प्रभाव पर उनकी अंतर्दृष्टि कार्यक्रमों के महत्व को रेखांकित को रेखांकित करेगा। साथ ही विशेषज्ञों ने कहा कि सेफ एनेस्थीसिया प्रोग्राम करने का उद्धेश्य व्याख्यानों, व्यावहारिक कार्यशालाओं और क्लिनिकल रोटेशन के संयोजन के माध्यम से सीखने का माहौल बनाना है। इससे प्रतिभागियों को विभिन्न प्रकार के बाल चिकित्सा एनेस्थीसिया मामलों के प्रबंधन में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने के क्षेत्र में विशेषज्ञों से सीखने और उनके साथ बातचीत करने का अवसर प्राप्त होता है। 
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