जनाब बचाईये जान, सड़कों पर चलते हैं यमराज के दूत!
छुट्टा भैंसों के झुंड कभी भी आ जाते हैं वाहनों के सामने
सत्य प्रकाश
- आवासीय इलाकों में सड़कों पर निकलने से लगता है डर
- इंदिरानगर क्षेत्र में वाहनों के बीच दौड़ते नजर आया भैसों का झुण्ड
- एक बार फिर अकेली मेयर ने उठाया फोन, बोलीं करायेंगे निस्तारण
लखनऊ। वैसे मान्यता तो यही है कि जब भी किसी की मौत होती है तो यमराज अपने वाहन यानी भैंस पर सवार होकर आते हैं और प्राण हर कर अपने गंतव्य को निकल लेते हैं। खैर यह तो बात हुई लोक-परलोक की, मगर राजधानी लखनऊ में तो आलम यह है कि यमराज आये न आये, या फिर कब आयें...इसका तो पता नहीं होता पर उनके वाहन दूत के रूप में भैंसों के झुंड कभी भी सड़कों पर आ धमकते हैं, ऐसे में मार्गों पर तेजी से आते-जाते वाहन अनायास ही भीषण सड़क हादसे का शिकार हो सकते हैं। इन दिनों कुछ ऐसी ही स्थितियां लखनऊ की सड़कों पर देखने को मिल रही हैं।
नगर निगम लखनऊ पर अवैध डेयरियों पर कार्रवाई के नाम पर केवल कागजी कार्रवाई करने के आरोप लग रहे हैं। यही कारण है कि लखनऊ के शहरी क्षेत्र में अवैध डेयरियों की संख्या बढ़ती जा रही है। नगर निगम के अधिकारीयों की हीलाहवाली का असर अब यह पड़ रहा है कि इन जानवरों को लोग अब सड़कों पर भी लेकर निकल जाते हैं। जिसके कारण दुर्घटना होने की आशंका बढ़ जाती है। सड़कों पर दौड़ रहे वाहनों के बीच जब इन भैसों का झुण्ड पहुंचता है तो वो भड़क उठती है, ऐसे में यह जानवर सड़कों पर चलते फिरते यमराज बन जाते हैं जिससे हर वाहन चालक बचता नजर आता है।
वाहनों को रगड़ मारकर निकलती हैं भैंसे...!
दरअसल, इंदिरानगर के पिकनिक स्पॉट रोड पर रविवार शाम सड़कों पर दौड़ता हुए भैसों के झुण्ड को तरुणमित्र की टीम ने अपने कैमरे में कैद कर लिया। आस-पास के लोगों से बातचीत करने पर लोगों ने बताया कि इन भैस के झुंड के कारण हमेशा समस्या का सामना करना पड़ता है। दोपहर के करीब इन झुंडों को इनके मालिक चराने के लिए ले जाते है और शाम को अंधेरा होने से पहले अपने घर वापस ले जाते हैं। इन वाहनों के कारण सड़क से गुजरने वाले दोपहिया वाहनों को दिक्क्त होती है, कई बार चालक बाइक से भी गिर जाते हैं।
दौड़ती भैसों के कारण घर के बाहर कोई वाहन खड़ा करने में डर लगता है क्योंकि यह वाहनों को रगड़ मारते हुए चलते हैं। इससे नुकसान होने का खतरा रहता है। सड़क पर साईकिल लेकर निकलने वाले बच्चों को लेकर भी डर लगता है कि कहीं बच्चे इन दौड़ती हुई भैंसो की चपेट में न आ जाए।
दूसरी तरफ नगर निगम कार्रवाई का दावा करता है। ऐसे ही दौड़ते हुए भैसों के झुंडों को गोमतीनगर के ग्वारी चौराहे के पास भी देखा गया है। गुडम्बा, मड़ियांव, दुबग्गा, जानकीपुरम विस्तार, गोमतीनगर विस्तार, सुशांत गोल्फ सिटी, पीजीआई, सरोजनीनगर, कृष्णानगर ,बुद्धेश्वर के बीच संकरी गलियों में भी अवैध डेयरियां बनाई गई हैं ,लेकिन इन डेयरियों पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
क्या कहते हैं नियम ?
नगर निगम के नियमों के अनुसार शहर के अंदर डेरी चलाने की अनुमति नहीं है। शहरी क्षेत्रों में सिर्फ दो गायों को पालने की ही अनुमति मिलती है और वो भी लाइसेंस के साथ। इसके अलावा भैंसों को ह्यअपदूषण कारक पशुह्ण माना गया है, इसलिए नगर निगम के अधिनियम 1959 के तहत शहर में भैंस पालने की इजाजत नहीं दी जाती।
फिर भी राजधानी की सीमा के अंदर, खाली प्लाटों में अवैध डेयरियों का मकड़ जाल फैला हुआ है। वहीं इस मुद्दे पर एक बार फिर से अकेले मेयर सुषमा खर्कवाल ने ही कॉल रिसीव किया, और बोलीं कि उक्त जनसमस्या उनके संज्ञान में है और संबंधित अधिकारी को इसके निस्तारण कराने को निर्देशित किया जायेगा।
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