डॉ. त्रिभुवन प्रसाद मिश्र कृत ‘ कृष्णामृत’ काव्य संग्रह का लोकार्पण

साहित्य के सरोकारों, बदलते मानवीय सन्दर्भो पर विमर्श

डॉ. त्रिभुवन प्रसाद मिश्र कृत ‘ कृष्णामृत’ काव्य संग्रह का लोकार्पण

बस्ती - निराला साहित्य एवं संस्कृति संस्थान द्वारा वरिष्ठ साहित्यकार डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ के संयोजन में प्रेस क्लब सभागार में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. त्रिभुवन प्रसाद मिश्र कृत  ‘ कृष्णामृत’ काव्य संग्रह का लोकार्पण अतिथियों द्वारा किया गया। इसी कड़ी में साहित्य भूषण डा. रामकरण मिश्र ‘सैलानी’ की अध्यक्षता में आयोजित कवि सम्मेलन में कवियों ने वर्तमान राजनीतिक, सामाजिक परिस्थितियों पर अपनी रचनाधर्मिता के द्वारा श्रोताओं का दिल जीत लिया। मु,य अतिथि डा. वी.के. वर्मा ने साहित्य के सरोकारों, बदलते मानवीय सन्दर्भो पर विस्तार से प्रकाश डाला।
‘ कृष्णामृत’ काव्य संग्रह पर डा. रामकरण मिश्र ‘सैलानी’, डा. राम कृष्ण लाल ‘जगमग’ प्रदीप चन्द्र पाण्डेय, विनोद उपाध्याय ने विस्तार से प्रकाश डालते हुये कहा कि रचनाकार ने भगवान कृष्ण के विविध रूपों का छंद बद्ध किया है। यह कृति उपयोगी साबित होगी।  डॉ. त्रिभुवन प्रसाद मिश्र ने अपनी रचनाधर्मिता और ‘ कृष्णामृत’ की सृजन प्रक्रिया पर प्रकाश डाला।
अर्चना श्रीवास्तव की सरस्वती वंदना से आरम्भ कवि सम्मेलन में नेहा मिश्र की रचना ‘धर्म से आज बाजी लगी प्राण की, फर्ज अपना निभाने चली जानकी, को सराहना मिली। हेमा पाण्डेय की कविता ‘ गर चाहते हो मैं बनी राधा तुम्हारी, तो बन करके दिखाओ मुझे मोहन की तरह तुम’ सुनाया। डा. अंजना कुमार ने कुछ यूं कहा- भीड़ में अपनों से जुदा हो गया, आदमी अक्सर वहीं तन्हा हो गया’ सुनाया। डॉ. राम कृष्णलाल जगमग ने कुछ यूं कहा-‘बचपन का वह सफर सुहाना, सोच-सोच मन हैं बेगाना, अब भी भूल नहीं पाता हूं, अम्मा के हाथांें का खाना’ । संचालन कर रहे विनोद उपाध्याय के शेर ‘तेरी बाहों में आना चाहता हंू, हर एक उलझन भुलाना चाहता हूं, सुनाया। डा. ओ.पी. वर्मा ओम की रचना ‘मैं कविता करने नहीं, आपको आज जगाने आया हूं, सुनाकर वाहवाही लूटी। कवि सम्मेलन में सागर गोरखपुरी, जगदम्बा प्रसाद ‘भावुक’ अफजल हुसेन ‘अफजल’, अजय श्रीवास्तव ‘अश्क’ डा. राजेन्द्र सिंह राही, डा. अजीत श्रीवास्तव ‘राज’ आदि कवियांे की रचनायें सराही गई। आरम्भ मंें कवियों को अंग वस्त्र और सम्मान पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। उपस्थित लोगों ने वरिष्ठ कवि डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ के 72 वर्ष पूर्ण करने पर उनका स्वागत कर अभिनन्दन किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से रामदत्त जोशी, कृष्णदेव मिश्र, त्रिपुरारी मिश्र, प्रेमशंकरलाल श्रीवास्तव, ब्रम्ह सेवक, जय प्रकाश गोस्वामी, संध्या दीक्षित, रेखा चित्रगुप्त, धु्रवचन्द्र मिश्र के साथ ही बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। 

 

Tags: Basti

About The Author

Sarvesh Srivastava Picture

सर्वेष श्रीवास्तव, उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद के ब्यूरो प्रमुख

अपनी टिप्पणियां पोस्ट करें

टिप्पणियां