देवशयनी एकादशी पर जनकल्याण की कामना से उतारी आदिकेशव की आरती

काशी के प्रथम विष्णु तीर्थ आदिकेशव घाट पर चलाया गया स्वच्छता अभियान

देवशयनी एकादशी पर जनकल्याण की कामना से उतारी आदिकेशव की आरती

वाराणसी। देवशयनी एकादशी पर रविवार को नमामि गंगे के सदस्यों ने काशी के प्राचीन विष्णु तीर्थ भगवान आदिकेशव की आरती उतार कर जन कल्याण की कामना की। श्री हरि को प्रिय तुलसी के पौधे का वितरण कर पर्यावरण संरक्षण की अलख भी जगाई। काशी का द्वार कहे जाने वाले आदिकेशव घाट पर सफाई अभियान चलाया गया। देश में सुख-समृद्धि व गंगा निर्मलीकरण की गुहार लगाकर आदिकेशव को फल व मिष्ठान का भोग लगाया।

भगवान विष्णु के योग निद्रा में जाने और चातुर्मास के प्रारंभ होने के दिन श्रीहरि व मां लक्ष्मी की उपासना की गई। मंदिर परिसर में ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः, आरती कुंज बिहारी की श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की, ॐ जय जगदीश हरे की गूंज रही। आदिकेशव के सम्मुख भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र व द्वादश ज्योतिर्लिंगों का पाठ भी किया गया।

नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने बताया कि देवशयनी एकादशी का महत्व पुराणों में विशेष रूप से बताया गया है। इस दिन से भगवान विष्णु विश्राम करते हैं, और पूरी सृष्टि का कार्यभार भगवान शिव को सौंप देते हैं। इसी वजह से चातुर्मास के दौरान भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। इस अवधि में तपस्या, योग, मंत्र जाप और धार्मिक अनुष्ठान करने से दोगुना पुण्य फल की प्राप्ति होती है। श्री हरि भगवान विष्णु जी और देवाधिदेव महादेव से प्रार्थना है कि हमारा भारत विकसित और आरोग्य बने।

स्वच्छता अभियान में सारिका गुप्ता, आदिकेशव मंदिर महंत पं० ओंकार नाथ त्रिपाठी, पार्वती त्रिपाठी गोविंदलाल पांडेय, नंदलाल, पंकज चौबे, राजनाथ आदि ने भागीदारी की।

 

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