हाईकोर्ट के आदेश का उच्चाधिकारियों व भूमाफियाओं पर नहीं हुआ असर

जिलाधिकारी बस्ती से चार बार मिलकर शिकायत के उपरान्त ग्रामसभा के बीस बीघे जमीन पर अवैध कब्जा जारी

हाईकोर्ट के आदेश का उच्चाधिकारियों व भूमाफियाओं पर नहीं हुआ असर

बस्ती - उपजिलाधिकारी हर्रैया व अन्य उच्चाधिकारियों के साथ साथ लगातार 4 बार जिलाधिकारी से भी शिकायत के उपरान्त ग्रामसभा के पक्ष में दर्ज बीस बीघे जमीन से भूमाफियाओं का कब्जा समाप्त न होने की दशा में सामाजिक कार्यकर्ता चन्द्रमणि पाण्डेय (सुदामा) ने जिलाधिकारी बस्ती को सम्बोधित ज्ञापन सौंप कर 10/12/2023 से बेमियादी धरने की अनुमति मांगा है | ग्यापन सौंपते हुए श्री पाण्डेय ने बताया कि मेरे पैतृक गांव सहरायें के मृतक ईश्वरी पाण्डेय की लावारिस जमीन जिसके तमाम फर्जी दावेदार सामने आ गये थे मेरे परिवार ने लगातार 1965-1993 के मध्य चकबंदी अधिकारी से लेकर डीडीसी बस्ती के यहां अपने अधिवक्ता के माध्यम से लडकर जमीन ग्रामसभा के पक्ष में आदेशित कराया | जिसके विरुद्ध दावेदार हाईकोर्ट गये तो वहां हमने खुद अपने अधिवक्ता के माध्यम से तथ्यों को कोर्ट के सम्मुख प्रस्तुत कर 2019 में उक्त जमीन को न केवल ग्राम सभा के पक्ष में दर्ज कराया अपितु उक्त बीस बीघे जमीन अब राजस्व अभिलेखों में भी ग्रामसभा के नाम दर्ज हो चुका है,किन्तु उपजिलाधिकारी हर्रैया सहित अन्य उच्चाधिकारियों से किये दर्जनों शिकायत के उपरान्त आज तक महज भूमाफियाओं के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ न तो उन पर कोई कार्यवाही हुई न ही कब्जा बेदखली ही हुआ | यहां तक कि दो बार हर्रैया तहसील दिवस में एक बार प्रश्न प्रहर में जिलाधिकारी से मिलकर खुद शिकायत के बाद भी आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई, उल्टा बीते सप्ताह भूमाफियाओं ने उसमें लगाया धान काट लिया व कल से जुताई का कार्य कर रहे हैं।
श्री पाण्डेय ने कहा की ऐसे में सवाल यह उठता है कि  क्या उक्त भूमाफियाओं का कब्जा समाप्त करने में कोई कानूनी अड़चन आ रहा है यदि बेदखली व ध्वस्तीकरण के आदेश की भी आवश्यकता हो तो प्रशासन अवगत कराये उसके लिए भी हम हाईकोर्ट जाने को तैयार हैं।

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सर्वेष श्रीवास्तव, उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद के ब्यूरो प्रमुख

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