एचआरआईवाई के सहयोग से शोध गतिविधियों में आएगी तेजी: डॉ. आनंद कुमार सिंह

एचआरआईवाई के सहयोग से शोध गतिविधियों में आएगी तेजी: डॉ. आनंद कुमार सिंह

कानपुर। कृषि विश्वविद्यालय और हॉर्टिकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट याल्टा HRIY (Russia) के बीच सहयोग का उद्देश्य अकादमिक तथा शोध विषयों में शिक्षकों और विद्यार्थियों को पारंगत करना है। यह बात शनिवार को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति डॉक्टर आनंद कुमार सिंह ने कही।उन्होंने बताया कि कृषि विश्वविद्यालय कानपुर सदैव कृषि अनुसंधान, शिक्षण एवं प्रसार गतिविधियों में सबसे आगे रहा है। प्रथम चरण में शिक्षक रूस स्थिति उद्यान संस्थान की शिक्षण एवं शोध गतिविधियों को सीखेंगे।

इसके साथ ही रूस के वैज्ञानिक कृषि विश्वविद्यालय कानपुर आकर शिक्षण एवं शोध गतिविधियों सीखेंगे, जबकि द्वितीय चरण में एमएससी एवं पीएचडी के छात्र एवं छात्राएं रूस स्थित इंस्टीट्यूट जाकर वहां शिक्षण,शोध और राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार में प्रतिभा कर सकेंगे। रूस के विद्यार्थी कृषि विश्वविद्यालय कानपुर आकर विश्वविद्यालय में शिक्षण,शोध तथा राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में प्रतिभा कर सकेंगे। इससे निश्चित तौर पर शिक्षण और शोध गतिविधियों में गतिशीलता गुणवत्ता आएगी।

सीएसए के मीडिया प्रभारी डॉ. खलील खान ने बताया कि शुक्रवार को सीएसए और हॉर्टिकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट याल्टा (रूस) ने शिक्षण एवं शोध में और अधिक गतिशीलता लाने की दिशा में एक सहयोगात्मक यात्रा शुरू करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर आनंद कुमार सिंह एवं बोटैनिकल गार्डन परिषद रसिया के अध्यक्ष डॉक्टर यूरी प्लूगतर द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।इस अवसर पर रूस के उपनिदेशक वैश्विक सांस्थानिक गतिविधियां उच्च शिक्षा एवं वैश्विक मंत्रालय रसिया डॉ सर्गी खोखलोव तथा कृषि काउंसलर एंबेसी आफ रशियन फेडरेशन इन रिपब्लिक ऑफ़ इंडिया डॉक्टर कांस्टेंटिन ए मालासेन कोव तथा कृषि विश्वविद्यालय कानपुर के अधिष्ठाता कृषि संकाय डॉक्टर सी एल मौर्य उपस्थित रहे।

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