वकील की मौत पर पूरे दिन न्यायिक कार्य स्थगित रखने पर बार अध्यक्ष से मांगा स्पष्टीकरण

वकील की मौत पर पूरे दिन न्यायिक कार्य स्थगित रखने पर बार अध्यक्ष से मांगा स्पष्टीकरण

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने सीकर जिले की लक्ष्मणगढ बार एसोसिएशन की ओर से वकील की मौत होने पर पूरे दिन का न्यायिक कार्य स्थगित रखने के मामले में बार अध्यक्ष प्यारेलाल मीणा से विस्तृत स्पष्टीकरण मांगा है। अदालत ने बार अध्यक्ष को कहा है कि वह शुक्रवार को इस संबंध में शपथ पत्र पेश करे। जस्टिस अनिल उपमन की एकलपीठ ने यह आदेश सुरेंद्र निठारवाल की याचिका में यह तथ्य सामने आने पर प्रसंज्ञान लेते हुए दिए। अदालती आदेश की पालना में बार अध्यक्ष हाईकोर्ट आए। उनके साथ लक्ष्मणगढ, सीकर और नीम का थाना सहित शेखावाटी के सैकडों वकील भी हाईकोर्ट पहुंचे। सुनवाई से पूर्व वकीलों ने बार अध्यक्ष को तलब करने को लेकर नारेबाजी की। इसके बाद प्रकरण का नंबर आने पर वकील अदालत कक्ष पहुंचे। सुनवाई के दौरान अदालत ने बार अध्यक्ष को लिखित जवाब पेश करने के निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई शाम चार बजे तक टाल दी। वहीं बाद में सुनवाई में बार अध्यक्ष की ओर से कहा गया कि बार की यह परम्परा रही है कि किसी भी अधिवक्ता के निधन पर न्यायिक कार्य स्थगित रखते हैं और इसमें न्यायिक अधिकारी भी शामिल होते हैं। इस जवाब से अदालत संतुष्ठ नहीं हुई और बार अध्यक्ष को विस्तृत शपथ पत्र सहित पूरा ब्यौरा 9 फरवरी को पेश करने को कहा। गौरतलब है कि हत्या के अपराध मामले में दायर सुरेन्द्र निठारवाल की याचिका में हाईकोर्ट के ध्यान में लाया गया था कि बार ने 29 जनवरी को एक अधिवक्ता की मृत्यु पर पूरे दिनभर का न्यायिक कार्य स्थगित रखा है। जबकि न्याय प्रशासन ने रिटायर जजों व वकीलों की शोक सभा के लिए 3.45 बजे का समय तय किया था। इस पर अदालत ने बार अध्यक्ष को तलब किया था।

 

 

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