भाटपार रानी तहसील क्षेत्र के पड़री बाजार में हुआ कार्यक्रम 

जयंती पर याद की गई देश की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले

 भाटपार रानी तहसील क्षेत्र के पड़री बाजार में हुआ कार्यक्रम 

भाटपार रानी, देवरिया। बुधवार को भाटपार रानी तहसील क्षेत्र के पड़री बाजार में देश की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की जयंती मनाई गई। इस दौरान उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर चर्चा हुई।सम्बोधित करते हुए कवि व शायर मकसूद अहमद भोपतपुरी ने कहा कि 3 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र में जन्मी सावित्रीबाई फुले ने शिक्षा का अलख  जलाकर एक शिक्षित समाज की स्थापना में अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके लिए उन्हें तमाम यात्राएं भी झेलनी पड़ी, जब वह स्कूल में पढ़ाने के लिए जाती थी, तो उनके ऊपर कंकड़ -पत्थर व गंदगियां फेंकी जाती थी। इसलिए वह अपने साथ एक अतिरिक्त साड़ी लेकर जाती थी। स्कूल पहुंचने पर वह गन्दी हुई साड़ी को बदलकर नई साड़ी पहन लेती थी।
 
बावजूद इसके उन्होंने कभी भी किसी को अपशब्द तक नहीं कहा। सावित्रीबाई फुले ने 1848 में देश में प्रथम कन्या विद्यालय की स्थापना किया, जिसके लिए शेख उस्मान और शेख फातिमा ने अपना जमीन दान दिया था। अतः उन्हें भुलाया नहीं जा सकता।सम्बोधित करते हुए प्राथमिक विद्यालय पड़री के प्रधानाध्यापक जियाउल्लाह अंसारी ने कहा कि सावित्रीबाई फुले देश की प्रथम महिला शिक्षिका के साथ-साथ एक समाज सेविका भी थी।उन्होंने महिला उत्थान के लिए विशेष कार्य किया। इसके लिए उन्हें अपने घर से भी निष्कासित होना पड़ा। अतः उनके जीवन संघर्षों से वर्तमान युवा पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए। कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रधानाध्यापक राम प्रवेश पाल, शिक्षक हरेंद्र सिंह, रामनाथ कुशवाहा,नन्दजी कुशवाहा,मु० मुस्ताक, विवेक सिंह, शुभम आदि मौजूद रहे।
 
 
 
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