निरीह जीवों की संकट मोचक बनी हुई है एनिमल फीडर्स संस्था

निरीह जीवों की संकट मोचक बनी हुई है एनिमल फीडर्स संस्था

अलीगढ़। शहर में स्वान (कुत्तों) के साथ आए दिन होने बाली दर्दनाक दुर्घटनाएं घोर चिंता का विषय बनी हुई हैं।जिसको रोकने के लिए प्रशासन, नगर निगम और हम सभी को ठोस कदम उठाने पड़ेंगे। यह कहना है एनिमल फीडर्स संस्था के संस्थापक अध्यक्ष यश मणि जैन का। उन्होंने बताया है कि दो दिन पहले बाइक की टक्कर से गंभीर घायल एक स्वान जिसकी रीढ़ की हड्डी टूट चुकी थी,को श्एनिमल फीडर्सश् संस्था के सदस्यों द्वारा बीच सड़क से इलाज हेतु देहलीगेट क्षेत्र स्थित पशु अस्पताल पहुंचाया तो वहां से उन्हें टरका कर,स्वान को रखने में असमर्थता व्यक्त कर दी।जबकि उसे इलाज के साथ वहां शेल्टर दिए जाने की आवश्यकता थी।इधर- उधर मदद मांगने के बावजूद सिर्फ निराशा ही हाथ लगी। परन्तु इतने संकटों के बाद भी टीम ने हार नहीं मानी, एक दिन के बाद, श्एनिमल फीडर्सश् ने धन जुटाया और स्वान को बेहतर इलाज के लिए टीम मेंबर्स खुद आगरा के पीएफए शेल्टर होम लेकर भर्ती करा आए।जहां उसका संतोषप्रद इलाज हो रहा है। एनिमल फ़ीडर्स की पूरी टीम इस प्रकार के मामलों से संबंधित जागरूकता अभियान भी चला रही है। स्वान को सबसे पहले देखने वाली रोहिणी ने बताया कि जब मैंने उसको देखा तो वह घायल अवस्था में दर्द से चिल्ला रहा था, मुझसे उसका दर्द देखा नही गया तुरंत ही मैंने अपने टीम मेंबर्स को संपर्क किया तथा उसका इलाज शुरू किया। संस्था के संरक्षक पंकज धीरज ने कहा है कि शहर के सरकारी पशु चिकित्सालय में ही एक शेल्टर होम की व्यवस्था होनी चाहिए।ताकि इसे बेजुबान निरीह जीवों की मदद के लिए सामने आ रहे जीव जंतु प्रेमी, संसाधनों की कमी के कारण पीछे न हटें और ज़्यादा से ज़्यादा घायल जीवों का उपचार हो सके। ज्ञात रहे कि संस्था का मुख्य उद्देश्य लोगों में जागरूकता फैलाना है, हालांकि टीम संसाधन की कमी के कारण रेस्क्यू केस नहीं देख पाती है। एनिमल फ़ीडर्स पिछले तीन सालों से सड़क पर निराश्रित जीव जंतुओं खास कर स्वानों के लिए रोज़ फीडिंग ड्राइव का आयोजन कर रही है।

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