एड्स से बचाव के लिए सार्वभौमिक सावधानी आवश्यक-नोडल अधिकारी
संत कबीर नगर एड्स सामान्य माध्यम से नही फैल सकता है। यह तरल पदार्थ में रक्त होने की स्थिति में संक्रमित कर सकता है। ऐसे में सार्वभौमिक सावधानी महत्वपूर्ण है। उक्त बातें जनपद के उत्तर प्रदेश एड्स नियंत्रण सोसायटी द्वारा मेंस्ट्रीमिंग संवेदीकरण विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए एड्स नियंत्रण के नोडल अधिकारी डा. माज फारुकी ने कही।
उन्होंने कहा कि सार्वभौमिक सावधानी का उपयोग करें और खुद को सुरक्षित रखें। लोगों को अपने पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन दोनों में इन बुनियादी प्रक्रियाओं का पालन करना चाहिए। यह दोनों तरह से काम करती हैं। एक तरफ जहां यह संक्रमण से बचाती हैं वहीं दूसरी तरफ संक्रमण फैलाने से भी रोकती हैं।
लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के चीफ अन्जय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि एचआईवी एवं एड्स (पी एंड सी) अधिनियम, 2017 कलंक और भेदभाव को संबोधित करता है और सेवाओं तक पहुँच बढ़ाने के लिए एक सक्षम वातावरण बनाने का प्रयास करता है। उन्होंने कहा कि एचआईवी एक ऐसा वायरस है, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है। प्रतिरक्षा प्रणाली विभिन्न कोशिकाओं से बनी होती है, जो हमारे शरीर को कीटाणुओं और संक्रमणों से बचाती हैं। इसके साथ ही अधिनियम में किए गए विभिन्न प्रावधानों की विस्तार से चर्चा करते हुए अधिनियम का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के खिलाफ सजा व जुर्माने के विषय में जानकारी दिया। इस दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी रामानुज कन्नौजिया, एड्स कंट्रोल ऑफिसर डॉ एस.डी. ओझा, डा.वी.पी.पांडेय, जिला प्रतिरक्षा अधिकारी डा.विनय सोनी समेत विभिन्न क्षेत्रों के चिकित्सक, नर्स तथा फार्मासिस्ट उपस्थित रहे।
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