शिक्षा के द्वारा ही लैंगिक असमानता को मिटाया जा सकता है। -- डॉ योगेश गोयल
फिरोजाबाद, स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के सौ शैय्या अस्पताल के हाल में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया
इस अवसर पर कॉलेज की छात्र-छात्राओं के द्वारा एक नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन किया गया जिसमें लोगों को यह दर्शाया गया की बेटियां परिवार एवं समाज पर बोझ नहीं है।
इस अवसर पर डॉ प्रेरणा जैन ने जानकारी देते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को ही क्यों मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि आज के दिन 15000 महिला मजदूरों ने न्यूयॉर्क के अंदर आंदोलन किया था। जिसमें उन्होंने अपने लिए हक की मांग की थी, जिसमे लैंगिक समानता, समान वेतन एवं समान अधिकार एवं सम्मान इत्यादि शामिल थे, यह दिवस महिलाओं के लिए महिला सम्मान, लैंगिक समानता, तथा समान अवसरों को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम *महिला उत्थान के प्रयासों में तेजी लाना* अर्थात *एक्सीलरेट एक्शन* है। प्रधानाचार्य डॉ योगेश कुमार गोयल के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम मे विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा एक पैनल डिस्कशन किया गया, जिसमें डॉ एल.के. गुप्ता ने महिलाओं में टीकाकरण का महत्व, डॉ मुकेश शर्मा द्वारा सरकार द्वारा चलाई जा रही, विविध योजनाएं पर जानकारी दी गई, डॉ कीर्ति विश्वकर्मा द्वारा महिलाओं के मासिक धर्म में जरूरी सावधानियां, डॉ मनोज कुमार के द्वारा महिलाओं में डायबिटीज तथा डॉक्टर सिद्धार्थ अग्रवाल के द्वारा महिलाओं में हृदय रोग संबंधी समस्याओं के बारे में विस्तार से बताया गया। डॉक्टर अरुण शिखा ने महिलाओं में मानसिक समस्याओं तथा डा प्रेरणा जैन के द्वारा विभिन्न गर्भनिरोधक उपायों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। प्रधानाचार्य डॉ योगेश कुमार गोयल ने लैंगिक समानता के लिए प्रयासों पर बताया कि महिलाएं बहुत आगे हैं।
मेडिकल कॉलेज में 60 प्रतिशत से ज्यादा फैकल्टी महिला है । आधे से ज्यादा विभागों की विभाग अध्यक्ष महिलाएं हैं। आज महिलाएं हर क्षेत्र में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है। चाहे वह पायलट और फाइटर पायलट हो, ट्रेन ड्राइवर, ट्रक ड्राइवर, टैक्सी ड्राइवर, यह सब काम महिलाएं कर रही है । देश विदेश में उच्च पदों पर भी पदासीन हैं । चंद्रयान मिशन मुख्य रूप से महिलाओं के द्वारा संचालित व संपादित किया गया था। आवश्यकता है ,जो लोग कम शिक्षित हैं, जो ग्रामीण अंचल से आने वाले परिवार हैं, उनमें शिक्षा के प्रति जागरूकता लाने की क्योंकि शिक्षा से ही उन्नति संभव है, शिक्षा के द्वारा ही लैंगिक असमानता को मिटाया जा सकता है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ रिजुल अग्रवाल तथा डॉ अंबर गुप्ता द्वारा किया गया। इस अवसर पर अन्य उपस्थित संकाय सदस्यों में डॉ सौरभ यादव, डॉ भूपेंद्र, डॉ गौरव आदि उपस्थित रहे। अंत में डा प्रेरणा जैन ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया।
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