फर्जी बिलिंग से भेजी जा रहीं थीं नकली दवाईयां
लखनऊ। प्रदेश में नकली दवाओं का नेटवर्क बेनकाब हो रहा है। निजी कम्पनी की शिकायत पर अमीनाबाद की तीन फर्मों पर औषधि विभाग की छापेमारी में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। फर्में थोक बिल जारी कर रहीं थीं, लेकिन दवाईयों का स्टॉक नहीं था। एक फर्म से संदिग्ध एलोपैथिक दवाएं भी मिलीं। कार्रवाई के बाद तीनों फर्मों को सील कर दिया गया है।
निजी फार्मा कम्पनी ने शिकायत की थी कि उसकी लोकप्रिय थ्रोम्बोफोब ऑइंटमेंट 20 ग्राम की नकली खेप भारी मात्रा में कुछ फर्मों द्वारा प्रदेश के बाहर बेची जा रही है। जांच में एक फर्म पर संदिग्ध दवाएं मिलीं, जबकि दो फर्मों पर केवल बिलिंग कर दवाएं बाहर भेजने का संदेह गहराया है।
अमित मेडिकल एजेंसी और वेदिका फार्मा में थ्रोम्बोफोब ऑइंटमेंट का कोई अभिलेख या स्टॉक नहीं मिला। शिव शक्ति फार्मा में दवा के बिक्री अभिलेख मिले। दो प्रकार की एलोपैथिक औषधियों का भंडारण भी पाया गया। दोनों दवाओं के नमूने जांच के लिए भेजे गए। औषधि विभाग ने खामियां मिलने पर तीन फर्मों को सील कर दिया।
जांच में सामने आया कि ये फर्में भौतिक रूप से दवाएं नहीं रखती हैं। केवल बिल बनाकर प्रदेश के बाहर दवाएं भेजती हैं। विभाग ने तीनों फर्मों को अग्रिम आदेश तक बंद कर दिया है। यदि आगे भी ऐसे प्रमाण मिलते हैं, तो लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे।
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