कानपुर जू में इलाज के दौरान बब्बर शेर पटौदी की मौत
कानपुर। गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खां चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू की आशंका के बाद बीमार हुए 15 वर्षीय बब्बर शेर पटौदी को इलाज के लिए कानपुर चिड़ियाघर लाया गया था। इलाज के दौरान गुरुवार को उसकी अचानक मौत हो गई। यह जानकारी प्राणि उद्यान के डॉक्टर अनुराग सिंह ने दी।
डॉ अनुराग सिंह ने बताया कि गोरखपुर चिड़ियाघर में बीती छह मई को मादा बाघिन शक्ति की रहस्यमयी मौत हो गयी थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस की पुष्टि हुई थी। इसी बीच 15 वर्षीय बब्बर शेर पटौदी की भी तबीयत खराब हो गई थी। इसके बाद उसे उपचार के लिए कानपुर प्राणि उद्यान लाया गया था। वहीं सुरक्षा के मद्देनजर चिड़ियाघर को 13 मई मंगलवार से 19 मई सोमवार तक के लिए बंद भी कर दिया गया है।
पटौदी के बेहतर इलाज के लिए चिड़ियाघर प्रशासन की ओर से एक डाक्टर समेत चार लोगों की टीम बनाई गई थी। यह टीम लगातार पटौदी (बब्बर शेर) की देखरेख कर इलाज कर रही थी। डॉक्टर ने बताया कि पटौदी लीवर की समस्या से जूझ रहा था। बुधवार की शाम पटौदी ने कुछ भी खाया नहीं था। यहां तक उसने पानी भी पीना बंद कर दिया था। गुरुवार को जब उसका परीक्षण किया गया तो उसके शरीर में कोई हरकत नहीं हुई। जांच के दौरान डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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