सिलक्यारा सुरंग से बाहर निकालने में अर्नोल्ड की बड़ी भूमिका

सिलक्यारा सुरंग से बाहर निकालने में अर्नोल्ड की बड़ी भूमिका

नई दिल्‍ली। उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. वे अब खुली हवा में सांस ले रहे हैं. लेकिन 17 दिनों तक चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता अर्नोल्ड डिक्स के बिना अधूरी है.

मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने वाले एक्सपर्ट्स में अर्नोल्ड (Arnold) की बड़ी भूमिका है. वह भूमिगत और परिवहन बुनियादी ढांचे में एक्सपर्ट हैं. वह न सिर्फ अंडरग्राउंड कंस्ट्रक्शन से जुड़े जोखिमों पर सलाह देते हैं बल्कि उन्हें इसमें महारत हासिल है.

अर्नोल्ड जिनेवा के इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के प्रमुख हैं. यह कंपनी अंडरग्राउंड कंस्ट्रक्शन के लिए कानूनी, पर्यावरणीय, राजनीतिक और अन्य जोखिमों को लेकर सलाह देती है.

अर्नोल्ड (Arnold) 20 नवंबर को इस रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े थे. इसके बाद उन्होंने भारत की मदद करने को लेकर कहा था कि उन्हें अच्छा लग रहा है. डिक्स ने कहा था कि पहाड़ों ने हमें एक चीज सिखाई है कि विनम्र रहना है.

अर्नोल्ड (Arnold) डिक्स वही शख्स हैं, जिन्होंने दावा किया था कि सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को क्रिसमस से पहले निकाल लिया जाएगा.

अर्नोल्ड (Arnold) ने मजदूरों के लिए की थी पूजा
अर्नोल्ड डिक्स (arnold dix) ने इससे पहले 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाले जाने की कामना के साथ मंगलवार सुबह पूजा की थी. उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ बाबा बौखनाग की पूजा अर्चना की थी. बौखनाग देवता का मंदिर टनल के ठीक ऊपर बना है.

कौन है arnold dix?
डिक्स इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं. लेकिन साथ ही वह इंजीनियर, वकील, जियोलॉजिस्ट भी हैं. उन्होंने मेलबर्न की मोनाश यूनिवर्सिटी से साइंस और लॉ में डिग्री ली थी.

उन्होंने अपनी तीन दशकों के करियर में कई भूमिकाएं निभाई हैं. उन्होंने 2016 से 2019 के बीच कतर रेड क्रेसेंट सोसाइटी के लिए वॉलिंटेयर के तौर पर काम किया है, जहां उन्होंने इसी तरह की अंडरग्राउंड घटनाओं पर काम किया है. 2020 में डिक्स लॉर्ड रॉबर्ट मेयर पीटीर विकरी क्यूसी कंपनी से जुड़े. वह यहां तकनीकी और रेगुलेटरी सलाह देते हैं.

बता दें कि सुरंग में फंसे मंजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के इस रेस्क्यू मिशन के लिए इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के अध्यक्ष अर्नोल्ड डिक्स को भी सरकार ने बुलावा भेजा था.

12 november से फंसे थे मजदूर
ये हादसा दिवाली के दिन यानी 12 नवंबर को हुआ था. ये मजदूर इसी सुरंग में काम कर रहे थे. तभी सुरंग धंस गई और मजदूर 60 मीटर लंबी मलबे की दीवार के पीछे धंस गए. उसके बाद से ही इन मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए तेजी से ऑपरेशन चलाया जा रहा था.

26 november से रैट माइनर्स ने शुरू किया ऑपरेशन
सुरंग (tunnel) में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए रविवार यानी 26 नवंबर को साइट पर 6 ‘रैट होल’ माइनर्स की एंट्री होती है. इन रैट माइनर्स (Rat Miners) download (2)को प्राइवेट कंपनी ट्रेंचलेस इंजिनियरिंग सर्विसेज की ओर से बुलाया गया. ये दिल्ली समेत कई राज्यों में वाटर पाइपलाइन बिछाने के समय अपनी टनलिंग क्षमता का प्रदर्शन कर चुके हैं. उत्तरकाशी में इनके काम करने का तरीका ‘रैट होल’ माइनिंग से अलग था. इस काम के लिए केवल वही लोग बुलाए गए थे जो टनलिंग में माहिर हैं.

Tags: TUNNEL

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