21 अगस्त को सभी जिलों में देवेन्द्र यादव की गिरफ्तारी के विरोध में धरना प्रदर्शन

21 अगस्त को सभी जिलों में देवेन्द्र यादव की गिरफ्तारी के विरोध में धरना प्रदर्शन

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये कहा कि 20 अगस्त को विधायक दल की बैठक में रणनीति बनाई जायेगी और 21 अगस्त को गिरफ्तारी के विरोध में प्रदेशस्तरीय जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन किया जायेगा। दीपक बैज ने कहा कि बलौदाबाजार के मामले में साय सरकार अपनी नाकामी और पूरे देश में हुई बदनामी को छुपाने विपक्ष के नेताओं को परेशान कर रही है। कांग्रेस के विधायक देवेन्द्र यादव की गिरफ्तारी भाजपा की बौखलाहट को दर्शाता है। यह विपक्ष को बदनाम करने की साजिश है। विधायक देवेन्द्र यादव बलौदाबाजार में न भाषण दिये और न ही कलेक्टर ऑफिस प्रदर्शन में शामिल हुये। वे भीड़ में पांच मिनट रुक कर वापस आ गये थे। कही भी किसी हिंसक घटना में उनके संलिप्तता का कोई भी साक्ष्य नहीं और न ही वे किसी भी प्रकार की घटना में शामिल थे। पुलिस ने उनको गलत तरीके से गिरफ्तार किया है। दीपक बैज ने कहा कि सरकार, पुलिस बताये किन भाजपा नेताओं को नोटिस दिया, पूछताछ की गयी। कांग्रेस के किन नेताओं का नाम है, हम खुद पूछताछ के लिये लेकर आयेंगे। न्याय संगत कार्रवाई होनी चाहिये। भाजपा सरकार का चरित्र और व्यवहार आठ माह में ही अलोकतांत्रिक हो गया है। पत्रकारों को गलत तरीके से फंसाने उनकी गाड़ी में गांजा रखा जाता है। विपक्ष के विधायक को झूठे मुकदमे में फंसा कर गिरफ्तार किया गया। सरकार बनते ही पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ झूठा मुकदमा ईओडब्ल्यू में दर्ज किया। कांग्रेस भाजपा सरकार के इस आताताई चरित्र से डरने वाली नहीं। इस प्रकार के कृत्यों से हमारा कार्यकर्ता और मजबूती से सरकार के खिलाफ जनता की आवाज उठायेगा।

साय सरकार की अकर्मण्यता के चलते ही बलौदाबाजार में कानून व्यवस्था बिगड़ी है। यदि समय रहते जैतखाम को क्षति पहुंचाने वालों पर कार्रवाई की गई होती और आहत समाज से संवाद किया गया होता तो ऐसी अप्रिय स्थिति निर्मित नहीं होती। धार्मिक भावनाएं आहत होने पर आंदोलित समाज को विश्वास में लिया गया होता तो ऐसे विध्वंसक प्रतिक्रिया नहीं होती। इस पूरे आंदोलन में भाजपा के जिलाध्यक्ष सनम जांगड़े सहित अन्य भाजपा नेताओं की भूमिका की जांच हो। धरना प्रदर्शन को कलेक्टर से परमिशन दिलाने वाला कौन था? रैली में आने वाले हजारों लोगों के लिये भोजन, मंच, पंडाल, माइक के लिए रुपयों की व्यवस्था किसने किया? इतनी बड़ी घटना के बाद भड़काऊ भाषण देने वाले की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? नागपुर से 250 से अधिक लोग आये थे वो कौन थे? सरकार ने उन पर नजर क्यों नहीं रखा था? रैली की शुरुआत से ही उपद्रव शुरू हो गया था उसके बावजूद लोगों को कलेक्ट्रेट क्यों जाने दिया गया? भीड़ को रोकने की कोशिश क्यों नहीं हुई? आम जनता के वाहन जलाये जा रहे थे, लोगों को दौड़ा कर पीटा जा रहा था तब पुलिस कहां थी? एसपी किसके इशारे पर शांत बैठे हुये थे? घटना को रोकने के बजाय पलायन क्यों कर गये?

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि कांग्रेस के हमारे नेता देवेंद्र यादव को षड्यंत्र पूर्वक फंसाने के लिये इतनी सारी धाराएं लगाई है। इस गिरफ्तारी की हम निंदा करते है। हम सब देवेन्द्र यादव के साथ हैं क्योंकि देवेन्द्र यादव के साथ कोई अप्रत्याशित घटना न हो। भाजपा की सरकार षड्यंत्र के तहत कार्रवाई कर रही है। शन‍िवार को प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज उनके निवास में गये थे जहां देवेन्द्र यादव को पूछताछ करने के लिये पुलिस आई थी और फिर गिरफ्तार करके ले गयी। पुलिस के पास कोई साक्ष्य हो तो प्रस्तुत करे। विपक्ष चुप बैठने वाला नहीं है। बलौदा बाजार की घटना की निष्पक्ष जांच करवाने में सरकार विफल है। भाजपा की सरकार कांग्रेस नेताओं को निशाना बना रही है। 20 तारीख को विधायक दल की बैठक होगी इसमें रणनीति बनाई जायेगी।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि देश में पहली बार ऐसा हुआ कि कलेक्टर एवं एसपी आफिस जला दिये जाते हैं। 10 जून की घटना को लेकर पूरे 67 दिन बाद देवेन्द्र यादव की गिरफ्तारी हुआ है। धाराएं इतना है कि जांच अधिकारी जितना लिख सकता था उतना लिखा। भाजपा ने सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का काम किया। भाजपा अपनी नाकामी को छुपाने के लिये ऐसी कार्रवाई कर रहे हैं। पुलिस जो धारा लगायी है उनको साक्ष्य दिखाना चाहिये। षड़यंत्रपूर्वक गलत धाराओं के तहत देवेन्द्र यादव के ऊपर 20 धाराओं के ऊपर कार्रवाई की गयी है। यह सरकार की हताशा को बताता है। पुलिस को बताना चाहूंगा कि सरकार तो आती जाती रहती है ऐसा कोई काम न करे कि वो नजरे ना मिला सके। पुलिस पूछताछ कर रही थी फिर गिरफ्तार कर ले आई। क्योकि यह कार्रवाई मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के संरक्षण में हुआ है। इस मामले में विधायक दल की बैठक और 21 तारीख को सभी जिलों में धरना प्रदर्शन किया जायेगा। तो सरकार क्यों सीबीआई जांच नहीं करवाती है। छोटी-छोटी घटनाओं की सीबीआई जांच की अनुशंसा की गयी है तो इतनी बड़ी घटना जिसमें एक समाज के प्रतीक चिन्ह को तोड़ा गया। एक जिले के कलेक्टर, एसपी कार्यालय को जला दिया गया उसकी सीबीआई जांच करवाने में क्या परहेज है। हम सबने वर्तमान जज की देखरेख में जांच कराने कहा क्यों नहीं करवाया गया?

 

 

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