शाहाबाद खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय बना भ्रष्टाचार का कार्यालय

संविदा लिपिक की मनमानी से अध्यापक परेशान

63a6a1ab35734Screenshot_20250210_174737_Dainik Bhaskarशाहाबाद /हरदोई।ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तैनात संविदा लिपिक के द्वारा छूते हुए बच्चों की अपार आईडी बनाने के लिए अध्यापकों से सौ रुपए प्रति बच्चा वसूला जा रहा है।ब्लॉक क्षेत्र के स्कूलों के भवन निर्माण से लेकर महिला अध्यापकों के मातृत्व अवकाश में जमकर धन उगाही की जा रही है।संविदा लिपिक की मनमानी से ब्लॉक क्षेत्र के अध्यापक खासे परेशान हैं।किंतु कार्यवाही किए जाने के डर से कोई सामने आने को तैयार नहीं है।आपको बता दें अभी कुछ माह पूर्व खंड शिक्षा अधिकारी की अध्यापकों के सामने मेज पर पैर रखी हुई तस्वीर वायरल हुई थी।जिस कारण उनके इस कृत्य की भत्सर्गना की गई थी।खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में संविदा लिपिक अंकित त्रिपाठी का का अच्छा दबदबा है।सरकार द्वारा बच्चों के एजुकेशनल प्रूफ के लिए उनका अपार आईडी में पंजीकरण अनिवार्य किया गया है।जिसमे आधार में बच्चों के नाम और स्कूल के पंजीकरण रजिस्टर में अंकित नाम में भिन्नता पाए जाने पर काफी बच्चों की अपार आईडी नहीं बन पा रही थी।अभिवावकों द्वारा बच्चों के नाम आधार में सही करवाने के बाद सरकार के निर्देशों की माने तो एसडीआई की लेवल 2 यू डाइस आईडी से छूटे हुए बच्चों का निशुल्क अपार आईडी पंजीकरण होना चाहिए।लेकिन अध्यापकों के अनुसार एसडीआई ने आईडी चलाने के लिए संविदा लिपिक अंकित  त्रिपाठी को प्रमोट कर रखा है। छूटे हुए बच्चों की अपार आईडी के लिए इस संविदा लिपिक द्वारा खुलेआम सौ रुपए प्रति बच्चा लिया जा रहा है।अभी कुछ माह पूर्व मध्यान भोजन योजना के तहत ब्लॉक के सभी स्कूलों में बच्चों की संख्या के हिसाब से बर्तन खरीदने का बजट सरकार द्वारा भेजा गया था।जिसमे मनमाने ढंग से बर्तन खरीदने का अध्यापकों पर दवाब बनाने में इसी लिपिक का नाम चर्चा में आया था।जिसके बचाव में एसडीआई ने शिकायत झूठी बताकर रक्षा कवच का कार्य किया था।ब्लॉक क्षेत्र की महिला अध्यापकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया मातृत्व अवकाश के लिए पांच से दस हजार रुपए प्रतिमाह लिया जाता है।और आनाकानी करने पर सस्पेंड और बर्खास्त करने के लिए धमकाया जाता है।यही है ब्लॉक क्षेत्र के प्रधान अध्यापकों का भी है उनके अनुसार पुराने भवन के सुंदरीकरण और मेंटीनेंस या अन्य भवन निर्माण के लिए आने वाले बजट में इस संविदा लिपिक द्वारा 15 प्रतिशत कमीशन की मांग की जाती है।उनके अनुसार इसमें खंड शिक्षा अधिकारी से लेकर बीएसए कार्यालय तक पैसा भेजना पड़ता है। कंपोजिट ग्रांट में भी अध्यापकों को संविदा लिपिक के हिसाब से बाउचर लेकर चेक काटनी पड़ती है।खंड शिक्षा अधिकारी के यहां यह संविदा लिपिक खुद को क्षेत्रीय विधायक का रिश्तेदार बता कर अध्यापकों पर अपना रोब कायम रखता है।खंड शिक्षा अधिकारी अनिल झा ने बताया मातृत्व अवकाश पर उनके द्वारा किसी तरह की कोई मांग नहीं की जाती है।अपार आईडी पर उन्होंने गोल मोल जवाब देते हुए बताया अध्यापक बच्चों की आईडी नहीं बनाते हैं तो अंकित त्रिपाठी के पास आते हैं तो वह अध्यापकों को कुछ बताते हैं।भवन निर्माण में कोई कमीशन की मांग नहीं की जाती है।फिर भी कोई अध्यापक इसकी शिकायत करता है।तो वह जांच कराएंगे और कार्यवाही करेंगे।
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