अब AI के जरिए बन सकेंगे शॉर्ट वीडियो

Google ने खत्म की क्रिएटर्स की टेंशन

अब AI के जरिए बन सकेंगे शॉर्ट वीडियो

नई दिल्ली। Google ने लाखों क्रिएटर्स की टेंशन को खत्म करने के लिए वीडियो लैंग्वेज मॉडल Videopoet पेश किया है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर बेस्ड यह लैंग्वेज मॉडल कॉन्टेंट क्रिएटर्स को शॉर्ट वीडियो बनाने में मदद करेगा। गूगल का यह मल्टीमॉडल लॉर्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) पर बेस्ड है। यह वीडियो जेनरेशन क्षमता के साथ आता है। बता दें, गूगल ने इससे पहले दिसंबर 2023 की शुरुआत में नया AI मॉडल Geminit भी पेश किया है। गूगल के इस मल्टीमॉडल AI टूल में 'डिकोडर-ओनली' आर्किटेक्चर का इस्तेमाल किया गया है। यह उन कामों के लिए भी कॉन्टेंट तैयार कर सकता है, जिसके लिए इसे किसी तरह की ट्रेनिंग नहीं मिली है।

कॉन्टेंट क्रिएटर्स के लिए उपयोगी
गूगल का यह खास लैंग्वेज मॉडल कॉन्टेंट क्रिएटर्स के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकता है। Videopoet में छोटी-छोटी वीडियो क्लिप्स को जोड़ने की क्षमता है, जो शॉर्ट वीडियो तैयार करने में मदद करता है। इसके अलावा यह लैंग्वेज मॉडल क्रिएट किए गए वीडियो को कस्टमाइज भी कर सकता है। इस मॉडल का बेस फ्रेमवर्क प्री-ट्रेंड LLM पर आधारित है, जिसका इस्तेमाल करके अलग-अलग तरीके की वीडियो बनाई जा सकता है।

हालांकि, गूगल का यह लैंग्वेज मॉडल केवल शॉर्ट वीडियो ही क्रिएट कर सकता है। इसमें लॉन्ग टर्म वीडियो क्रिएट करने की क्षमता नहीं है। टेक कंपनी ने इस मॉडल को फिलहाल केवल बीटा यूजर्स के लिए पेश किया है। इस मॉडल की टेस्टिंग चल रही है। टेस्टिंग पूरा होने के बाद इसे सभी यूजर्स के लिए रोल आउट किया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि गूगल इस मॉडल को नए साल यानी 2024 की शुरुआत में लॉन्च कर सकता है।

Gemini 1.0 एडवांस लैंग्वेज मॉडल
गूगल ने Gemini 1.0 लैंग्वेज मॉडल को हाल ही में पेश किया है। यह लैंग्वेज मॉडल फोटो से लेकर ऑडियो तक क्रिएट कर सकता है। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह अलग-अलग तरीके की सूचनाओं को लेकर एक बेहतर कॉन्टेंट क्रिएट कर सके। गूगल का दावा है कि Gemini 1.0 अब तक का सबसे बेस्ड मॉडल है। इस मॉडल की भी फिलहाल बीटा टेस्टिंग चल रही है। इसे भी अगले साल की शुरुआत में सभी यूजर्स के लिए लॉन्च किया जा सकता है।

 

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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