विरासत और विकास की पटरी पर आज भारत तेज गति से आगे बढ़ रहा: नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री ने उमरहा में सात मंजिल स्वर्वेद महामंदिर धाम को किया लोकार्पित

विरासत और विकास की पटरी पर आज भारत तेज गति से आगे बढ़ रहा: नरेन्द्र मोदी

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी दौरे के दूसरे दिन सोमवार को चौबेपुर उमरहा स्थित सात मंजिल स्वर्वेद महामंदिर धाम के प्रथम चरण के निर्माण का लोकार्पण किया। विहंगम योग संत समाज के 100वें वार्षिकोत्सव समारोह में भाग लेने आए प्रधानमंत्री ने विहंगम योग के प्रणेता सदाफल देव महाराज की 135 फीट ऊंची मूर्ति की आधारशिला भी रखी। प्रधानमंत्री ने संतों के साथ मंदिर परिसर में भ्रमण भी किया और इसके बारे में जानकारी ली।इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि स्वर्वेद मंदिर भारत के सामाजिक और आध्यात्मिक सामर्थ्य का एक आधुनिक प्रतीक है। मंदिर की दीवारों पर स्वर्वेद को बड़ी सुंदरता के साथ अंकित किया गया है।

वेद, उपनिषद, रामायण, गीता और महाभारत आदि ग्रन्थों के दिव्य संदेश भी इसमें चित्रों के जरिये उकेरे गए हैं। इसलिए ये मंदिर एक तरह से अध्यात्म, इतिहास और संस्कृति का जीवंत उदाहरण है।प्रधानमंत्री ने कहा कि संतों के सानिध्य में काशी के लोगों ने मिलकर विकास और नवनिर्माण के कितने ही नए कीर्तिमान गढ़े हैं। सरकार, समाज और संतगण सब साथ मिलकर काशी के कायाकल्प के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वर्वेद मंदिर बनकर तैयार होना, इसी ईश्वरीय प्रेरणा का उदाहरण है।

ये महामंदिर महृषि सदाफल देव जी की शिक्षाओं और उनके उपदेशों का प्रतीक है। इस मंदिर की दिव्यता जितना आकर्षित करती है, इसकी भव्यता उतना ही अचंभित भी करती है।प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां 25 हज़ार कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ का आयोजन हो रहा है। मुझे खुशी और विश्वास है कि इस महायज्ञ की हर एक आहूति से विकसित भारत का संकल्प और सशक्त होगा। प्रधानमंत्री ने स्वर्वेद महामंदिर के उद्घाटन के बाद संबोधन की शुरुआत दोहे के साथ की। उन्होंने कहा कि हर बार की तरह इस बार का भी काशी प्रवास सुखद रहा।

उन्होंने कहा कि विरासत और विकास की पटरी पर आज भारत तेज गति से आगे बढ़ रहा है। काशी में स्वर्वेद मंदिर के लोकार्पण में शामिल होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा राष्ट्र है जो सदियों तक विश्व के लिए आर्थिक समृद्धि और भौतिक विकास का उदाहरण रहा है। भारत ने कभी भौतिक उन्नति को भौगोलिक विस्तार और शोषण का माध्यम नहीं बनने दिया। भौतिक प्रगति के लिए भी हमने आध्यात्मिक और मानवीय प्रतीकों की रचना की। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।

Tags: Varanasi

About The Author

अपनी टिप्पणियां पोस्ट करें

टिप्पणियां

Latest News

"एक थी अहिल्या" काव्य संग्रह का लोकार्पण शनिवार को भोपाल में "एक थी अहिल्या" काव्य संग्रह का लोकार्पण शनिवार को भोपाल में
भोपाल। अखिल भारतीय साहित्य परिषद, भोपाल इकाई के तत्वावधान में शनिवार, 12 जुलाई को दोपहर 2:30 बजे भोपाल के शिवाजी...
कुमारस्वामी ने पीएम ई-ड्राइव के तहत इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए प्रोत्साहन योजना शुरू की
अमेरिका में चमके सीआईएसएफ जवान शेखर की शानदार छलांग
सोनीपत: भारी बारिश से फसलों को खतरा, किसानों के लिए सलाह
सोनीपत: भाजपा मीडिया प्रमुख बने डॉ. राममेहर राठी ने मुख्यमंत्री से आशीर्वाद लिया
पेड़ से रस्सी के सहारे लटका मिला युवक का शव
नौ दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत में उमड़े श्रद्धालु