गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों में नए सत्र में छात्रों के प्रवेश पर रोक, हाइकोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा बच्चों का क्या है दोष

गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों में नए सत्र में छात्रों के प्रवेश पर रोक, हाइकोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा बच्चों का क्या है दोष

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए शुक्रवार को एक अहम फैसला सुनाया है। जिसमें गैर मान्यता प्राप्त स्कूल में छात्रों के एडमिशन पर रोक के लिए कहा है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा एवं न्यायाधीश रविन्द्र कुमार अग्रवाल की बैंच नें निःशुल्क बाल शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्रस्तुत जनहित याचिका में सुनवाई करते हुए नए शैक्षणिक सत्र में प्रवेश लेने वालों छात्र- छात्राओं के हित में एक अहम आदेश पारित किया है। शुक्रवार को हुई इस सुनवाई में शपथ पत्र में 28 स्कूलों में मान्यता और ऑडिट से जुड़ी गड़बड़ियों की जानकारी दी गई है जिसकी इंक्वारी की जा रही है। इस मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा की इन गैर मान्यता प्राप्त और गड़बड़ियां वाले इन स्कूलों पर क्या एक्शन लिया गया है..? जिस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत कुमार सिंह ने बताया कि स्कूलों की जांच जारी है। एक स्कूल पर 50000 का जुर्माना भी लगाया गया है। जिस पर हाईकोर्ट की बेंच ने में गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ाई कर रहे बच्चों के भविष्य को लेकर भी सवाल पूछे और यह कहा कि इन सब में बच्चों का क्या दोष है..? बैंच ने यह कहा कि बच्चों को इन स्कूलों से हटाया नहीं जाएगा। वहीं गैर मान्यता स्कूल में प्रवेश पर रोक लगाई जानी चाहिए।

दरअसल 30 जून 2025 को सीवी भगवंत राव के द्वारा लगाई गई जनहित याचिका में सुनवाई के साथ एक हस्तक्षेप याचिका के संबंध में मुख्य न्यायाधीश की बैंच ने संचालक से व्यक्तिगत शपथपत्र प्रस्तुत करने लिए निर्देशित किया था। आदेश के परिपालन में दिनांक 11 जुलाई 2025 को संचालक, लोक शिक्षण विभाग ने शपथपत्र प्रस्तुत कर अवगत कराया कि प्रारंभिक शिक्षा में उम्र 6 से 14 वर्ष तक के बच्चे कक्षा पहली में जिन शालाओं में प्रवेश लेते हैं, तो ऐसी शालाओं को मान्यता लेना अनिवार्य है, लेकिन जिन शालाओं में कक्षा नर्सरी से केजी 2 तक की कक्षाएं संचालित होती है, तो ऐसी गैर शालाओं को मान्यता लेना अनिवार्य नही है। संचालक, लोक शिक्षण विभाग ने न्यायालय को इस तथ्य से भी अवगत कराया कि जिन कक्षाओं के संचालन के लिए गैर शालाओं को मान्यता लेना अनिवार्य है, और ऐसे स्कूल बिना मान्यता के संचालित हो रही है, तो ऐसी गैर शालाओं के विरुद्ध जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा आर्थिक दण्ड अधिरोपित किया जा रहा है। जिन स्कूल के द्वारा मान्यता लेने आवेदन प्रस्तुत किया गया है, ऐसे आवेदन जिला स्तर पर लंबित है। साथ ही साथ इस तथ्य से भी अवगत कराया गया कि पूरे प्रदेश में गैर शासकीय शालाएं कक्षा नर्सरी से केजी 2 तक की संख्या 72, कक्षा नर्सरी से प्राथमिक शालाओं की संख्या 1391 कक्षा नर्सरी से पूर्व माध्यमिक शालाओं की संख्या 3114, कक्षा नर्सरी से उच्चतर माध्यमिक शालाओं की संख्या 2618 है।

विकास तिवारी हस्तक्षेप कर्ता के अधिवक्ता संदीप दुबे और मानस वाजपेयी ने संचालक, लोक शिक्षण विभाग द्वारा प्रस्तुत शपथपत्र का खण्डन करते हुए उच्च न्यायलय की बैंच को अवगत कराया कि निःशुल्क बाल शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत छ०ग० शासन द्वारा दिनाक 07 जनवरी 2013 को विनियम लागू किया गया था। जिसमें समस्त गैर शासकीय शालाएं जहां कक्षा कक्षा नर्सरी से केजी 2 की कक्षाएं संचालित है, ऐसी गैर शासकीय शालाओं को भी मान्यता लेना अनिवार्य है। वहीं उच्च न्यायालय की बैंच ने छत्तीसगढ़ शासन के शिक्षा विभाग के सचिव को यह भी निर्देशित किया है कि इस संबंध में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर न्यायालय को अवगत करावें।

प्रकरण में आगे सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता सी.वी. भगवंत राव के अधिवक्ता देवर्षि ठाकुर ने उच्च न्यायालय की खण्डपीठ को अवगत कराया कि प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन ने सन् 2022 में याचिका प्रस्तुत कर उच्च न्यायालय के एकलपीठ से अंतरिम राहत प्राप्त किया है। जिसमें राज्य शासन छत्तीसगढ़ प्राईवेट स्कुल ऐसोशिएसन द्वारा संचालित स्कुलों को बाजार में उपलब्ध निजी पुस्तकों का उपयोग करने के लिए नही रोकेगी। उक्त आदेश के बाद छत्तीसगढ़ प्राईवेट स्कूल ऐसोशिएसन अभिभावकों को अत्यधिक मंहगे निजी पब्लिकेशन के पुस्तकों को क्रय करने का दबाव बना रहे है, जिससे अभिभावकों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। उपरोक्त तथ्यों को अपने संज्ञान में लेते हुए हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश की बैच ने निःशुल्क बाल शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्रस्तुत जनहित याचिका के साथ शामिल करते हुए सुनवाई करने का आदेश दिया और मामले की अगली सुनवाई 05 अगस्त 2025 निर्धारित की है।

About The Author

अपनी टिप्पणियां पोस्ट करें

टिप्पणियां

Latest News

धर्मांतरण के मास्टरमाइंड छांगुर बाबा को लेकर बलरामपुर पहुंची एटीएस धर्मांतरण के मास्टरमाइंड छांगुर बाबा को लेकर बलरामपुर पहुंची एटीएस
बलरामपुर । अवैध रूप से धर्मांतरण कराने के मामले में गिरफ्तार आरोपित जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को लेकर यूपी एटीएस...
श्रावस्ती में जीवनदायनी बनेगी विलुप्त बूढ़ी राप्ती नदी
कार्टूनिस्ट की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
सावन माह की शुरूआत के साथ कांवड़ यात्रा शुरू
छात्रावास के लिए जारी 10 लाख कागजों पर हुए खर्च
छत्तीसगढ़ में 22 नक्सलियों ने फेंकी बंदूक
श्रावण मास के दृष्टिगत बिड़हरघाट का किया गया निरीक्षण, सम्बन्धित को दिये गये आवश्यक दिशा निर्देश