सरकार ने बेरोजगार युवकों को अनुदान पर करा रही ऋण मुहैया,स्वरोजगार के प्रति युवाओं को कर रही प्रेरित,उद्यमिता को दे रही बढ़ावा

सरकार ने बेरोजगार युवकों को अनुदान पर करा रही ऋण मुहैया,स्वरोजगार के प्रति युवाओं को कर रही प्रेरित,उद्यमिता को दे रही बढ़ावा

 बिहार सरकार के द्वारा प्रदत निदेश के आलोक में रोहतास जिले में जिला पदाधिकारी नवीन कुमार की अध्यक्षता में प्रत्येक प्रखंड में जन संवाद के कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं।जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं ,आमजन एवं जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ छात्र एवं युवा  सम्मिलित हो रहे हैं। छात्रों तथा विशेष कर युवाओं द्वारा रोजगार परक अध्ययन, सरकारी नौकरियां एवं स्वरोजगार के प्रति रुझान प्रदर्शित किया जा रहा है।विदित है कि बिहार सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर सरकारी विभागों में सेवाओं के लिए भर्तियां जारी की जा रही है और अति अल्प अवधि में सारी प्रक्रिया पूर्ण कर नियुक्ती की कार्रवाई की जा रही है । इसके साथ ही युवाओं में कौशल विकास करने के लिए कौशल विकास के अनेक कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं और उच्चतर अध्ययन के लिए क्रेडिट कार्ड और अन्य माध्यमों से लोन प्रदान कर छात्रों को नियमित अध्ययन के लिए सक्षम बनाया जा रहा है।युवाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए उद्योग विभाग द्वारा अनेक रोजगार परक कार्यक्रम संचालित किया जा रहे हैं। जिला पदाधिकारी रोहतास नवीन कुमार द्वारा छात्रों और युवाओं को सबल, सक्षम और आसानी से रोजगार प्राप्त करने की दिशा में बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से अवगत कराने के लिए संबंधित विभाग के पदाधिकारी को इन योजनाओं का व्यापक प्रचार प्रसार  करने का निदेश दिया जा रहा है।इसी क्रम में जिला उद्योग केंद्र रोहतास के महाप्रबंधक द्वारा जिला पदाधिकारी के निर्देश पर उद्योग विभाग से क्रियान्वित होने वाली विभिन्न रोजगार परक योजनाओं की जानकारी दी गई है।उद्योग विभाग के अंतर्गत मुख्यमंत्री उद्यमी योजना में 10 लाख का ऋण दिया जाता है, जिसमें 50% अनुदान प्राप्त के प्रदान की जाती है। इसमें अनुसूचित जाति/ जनजाति अति पिछड़ा वर्ग /किसी भी जाति वर्ग की महिला एवं किसी भी जाति वर्ग के युवा आवेदन कर सकते हैं, जिनकी आयु 18 से 50 वर्ष के बीच में हो ।इसमें आवश्यक शैक्षणिक योग्यता इंटरमीडिएट या आइटीआइ, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा रखा गया है। ऐसा कोई भी युवा या व्यक्ति ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। इस तरह से प्राप्त ऑनलाइन आवेदनों का विभााागीय स्तर पर गठित  कमेटी द्वारा रेंडमाइजेशन के द्वारा चयन किया जाता है और चयन के पश्चात लाभार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाता है । लाभार्थियों के खाते में विभाग के स्तर से तीन चरणों में राशि हस्तगत कराई जाती हैै। पहले चरण में प्रशिक्षण के बाद ₹400000 लाभुकों के खाते में विभाग द्वारा दी जाती है । इसके पश्चात दूसरे चरण में स्थलीय  जांच के  पश्चात लाभकोंं  का प्रशिक्षण कराया जाता है और प्रशिक्षण करने के उपरांत पुनः ₹400000 विभाग द्वारा दी जाती है। तीसरे चरण में स्थलीय जांच के बाद पुनः ₹200000 विभाग द्वारा दी जाती है । इसमें दिए गए राशि की वापसी तृतीय किस्त  के 13 महीने के बाद 84 आसान किस्तों में जमा करना होता हैै।इसी प्रकार दूसरी योजना है प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सूक्ष्म उद्योगों का क्षमता निर्माण एवं संवर्धन करना है। इस योजना के तहत सामान्य आधारभूत संरचना सृजन के लिए स्वयं सहायता समूह/ सहकारी समितियां /राज्य एजेंसी या निजी उद्योगों को बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए सहायता प्रदान की जाती है । इसके लिए वही व्यक्ति लाभ प्राप्त कर सकते हैं जिनकी आयु कम से कम 18 वर्ष हो तथा एक परिवार का केवल एक ही व्यक्ति इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकता है। इसके लिए न्यूनतम शैक्षणिक  योग्यता आठवीं पास है । इसमें योजना में व्यक्तिगत श्रेणी की आवेदनों के लिए परियोजना लागत का 35% सब्सिडी प्रदान की जाती है । सब्सिडी की अधिकतम राशि 10 लख रुपए होती है।जिला उद्योग केंद्र द्वारा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम का भी संचालन किया जा रहा है। इस योजना अंतर्गत भी निर्माण क्षेत्र तथा सेवा क्षेत्र में नए रोजगारों का सृजन करने हेतु भी निर्माण क्षेत्र के लिए अधिकतम 50 लाख तथा सेवा क्षेत्र के लिए 20 लाख वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है । इसके लिए न्यूनतम योग्यता आठवीं पास है । इस योजना का  लाभ प्राप्त करने के लिए कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। इसमें शहरी क्षेत्र में सामान्य जाति के पुरुष को छोड़कर सभी जाति के पुरुष या महिलाओं के लिए 25% तथा सामान्य जाति के पुरुषों के लिए 15% ऋण की सब्सिडी दी जाती है । इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र में सामान्य जाति के पुरुष को छोड़कर सभी जाति के पुरुष/ महिलाओं के लिए 35% तथा सामान्य जाति के पुरुषों के लिए 25% सब्सिडी दी जाती है । बिहार सरकार के द्वारा एक अन्य महत्वपूर्ण योजना स्टार्टअप बिहार योजना संचालित की जा रही है। इस योजना का उद्देश्य युवाओं के मध्य उद्यमिता को बढ़ावा देना है। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए संबंधित इकाई को नवाचार उत्पादन प्रक्रिया या सेवाओं के विकास या सुधार की दिशा में कार्य करने वाला होना चाहिए। इस योजना में चयनित स्टार्टअप को अधिकतम 10 लख रुपए तक 10 साल के लिए ब्याज मुक्त ऋण दिया जाता है।जिला उद्योग केंद्र के द्वारा प्रत्येक माह जिले में अवस्थित तीन अलग-अलग शैक्षणिक संस्थानों मे स्टार्टअप जागरूकता कैंप का आयोजन किया जाता है। जिला उद्योग केंद्र में महाप्रबंधक के अतिरिक्त कन्हैयालाल गुप्ता, उद्योग विस्तार पदाधिकारी,  विकेश कुमार सिंह, उद्योग प्रसार पदाधिकारी तथा पवन कुमार सिंह कनीय सांख्यिकी सहायक कार्यरत हैं।
 

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