WhatsApp यूजर्स बना सकेंगे खुद का AI Chatbot

आ रहा है अब तक का सबसे धमाकेदार फीचर

WhatsApp यूजर्स बना सकेंगे खुद का AI Chatbot

नई दिल्ली। वॉट्सऐप दुनिया का सबसे बड़ा इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म है। दुनियाभर में करीब 3.5 बिलियन से अधिक लोग अपने स्मार्टफोन में इस ऐप्लिकेशन का इस्तेमाल करते हैं। अपने करोड़ों यूजर्स के लिए वॉट्सऐप समय समय पर नए-नए फीचर्स लाता रहता है। अब इस इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप में AI Chatbot का एक ऐसा फीचर आने वाला है जो बड़ा धमाका कर सकता है। 
 
WhatsApp पर बना सकेंगे AI Chatbot
वॉट्सऐप के करोड़ों यूजर्स के लिए गुड न्यूज है। वॉट्सऐप यूजर्स को जल्द ही एक ऐसा फीचर देने जा रहा है जिससे वे अपना खुद का AI Chatbot बना सकेंगे। यूजर्स वॉट्सऐप के एआई चैटबॉट की पर्सनैलिटी और उसके काम को कस्टमाइज कर पाएंगे। मतलब आप जैसा चाहेंगे यह एआई चैटबॉट उस हिसाब से काम करेगा। आइए आपको इसके बारे में डिटेल से बताते हैं।
 
दरअसल इस समय वॉट्सऐप एक ऐसे फीचर पर काम कर रहा है जिसमें आप एआई कैरेक्टर को क्रिएट कर पाएंगे। इस कैरेक्टर की पर्सनैलिटी और उसके रोल को एक प्रॉम्प्ट के आधार पर सेट कर पाएंगे। वॉट्सऐप का यह अपकमिंग फीचर AI के इंफ्रास्ट्रक्चर पर ही काम करने वाला है। इसको क्रिएट करने से पहले वॉट्सऐप आपसे कुछ सवाल करेगा और आपको उसके जवाब देना अनिवार्य होगा। 
 
Ai Chatbot पर रहेगा पूरा कंट्रोल
इस एआई चैटबॉट और कैरेक्टर की सबसे खास बात यह होगी कि इसे आप अपनी जरूरत के मुताबिक  सेट कर पाएंगे। इतना ही नहीं यह भी डिसाइड कर पाएंगे कि इसका फोकस किस पर रहे। एक बार चैटबॉट क्रिएट होने के बाद यह आसानी से आपकी जरूरतों को पूरा कर पाएगा। बता दें कि इस AI चैटबॉट की डिटेल्स पर आपका पूरा कंट्रोल रहेगा। आप डिटेल्स को बाद में एडिट या फिर रिमूव भी कर पाएंगे। 
 
WhatsApp फिलहाल अभी इस AI Chatbot वाले फीचर्स पर काम कर रहा है। इसे पहले बीटा टेस्टर्स के लिए रोल आउट किया जाएगा। टेस्टिंग में पूरी तरह से पास होने के बाद इसे रेगुलर यूजर्स के लिए रोल आउट किया जाएगा। लीक्स के मुताबिक कंपनी इस फीचर को सबसे पहले आईफोन यूजर्स के लिए रोलआउट कर सकती है। 
 

About The Author

Tarunmitra Picture

‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

अपनी टिप्पणियां पोस्ट करें

टिप्पणियां