आतंकवाद का मुंहतोड़ जवाब देना होगा, 10 गुना अधिक तादाद में जाएंगे पहलगाम- आरके छैतरी
उप्र मसीह समाज ने पहलगाम के मृतकों की दी श्रद्धांजलि, कहा आतंकवाद इंसानियत के लिए खतरा
लखनऊ। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के चलते पूरे देश में आक्रोश का माहौल है। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बीते मंगलवार 22 अप्रैल को आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा कर 26 लोगों की नृशंस हत्या कर दी थी। बुधवार को बड़ी संख्या में उप्र मसीह समाज के लोगों ने हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर पहुंचकर आतंकवादियों की बर्बरता का शिकार हुए 26 मृतकों को श्रद्धांजलि दी।
उप्र मसीह समाज के सचिव तथा क्राईस्ट चर्च कालेज के प्रधानाचार्य आरके छैतरी ने आतंकवादियों के इस हमले को कायरतापूर्ण करार देते हुए इसकी कड़ी निंदा की और कहा कि 22 अप्रैल की इस असहनीय घटना के बाद यदि आतंकवादी यह सोच रहे हैं कि हम भारतीय लोग डर गए हैं तो यह उनकी भूल है। मेरा यह मानना है कि अब 10 गुना अधिक संख्या में हमें पहलगाम जाना होगा और आतंकवादियों की कायरतापूर्ण हरकत का मुंहतोड़ जवाब देना होगा। उन्होंने कहा कि यह समय डरने का नहीं बल्कि डटकर इनसे मुकाबला करने का है जिसके लिए हमारे देश के प्रधानमंत्री और हमारी भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार हो चुकी है।
इसके पूर्व राजधानी लखनऊ के विभिन्न चर्च से ईसाई समुदाय के लोगों ने चर्च के पादरियों संग प्रभू ईशु की वंदना करते हुए पहलगाम में मारे गए बेगुनाह सैलानियों के लिए दुआ मांगी साथ ही घायलों के लिए भी दुआ की गई । इस मौके पर कैथोलिक बिशप कांफ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) ने पहलगाम घटने की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि इस घटना ने पूरे विश्व को हिला कर रख दिया है। सीबीसीआई ने एलान किया कि मृतक के परिवार के किसी भी सदस्य की शिक्षा में कोई रूकावट नहीं आने दिया जाएगा और यह कि सीबीसीआई परिवार के उस सदस्य की शिक्षा का पूरा खर्चा उठाने की जिम्मेदारी लेगा।
श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए डॉ डोनाल्ड एचआर डीसूजा(चांसलर एवं प्रवक्ता लखनऊ कैथोलिक धर्मप्रांत) ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर बिशप जेराल्ड जॉन मैथियस, फादर रौबर्ट क्वादरस, फादर एन्ड्रयू डैक्यना, फादर एलियस कारडोजा, पाश्चर कमल मैसी, पाश्चर डॉ मोरिस कुमार, पाश्चर फ्रैंक बक्ष, पाश्चर पराग वैसले, पाश्चर साबू थामस, पाश्चर प्रबीर, पाश्चर लारेंस तथा रेव. एसके लाल सहित बड़ी संख्या में ईसाई समुदाय के लोग उपस्थित रहे।
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