रैपिडो के बाइक टैक्सी कैप्टन को देगी सीपीआर और फर्स्ट एड प्रशिक्षण
प्रशिक्षण अभियान में देश के 16 राज्यों के डॉक्टर और विशेषज्ञ होंगे शामिल
- देशभर में हर साल 1.5 लाख से अधिक लोग सड़क दुर्घटनाओं में गंवाते हैं अपनी जान
लखनऊ। प्रदेश में सड़क सुरक्षा, आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा और मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए योगी सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के तहत योगी सरकार द्वारा 27 मई को विश्व इमरजेंसी मेडिसिन दिवस के अवसर पर सीपीआर और फर्स्ट एड प्रशिक्षण का अभियान शुरू किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण राजधानी में शहीद पथ स्थित मेदांता हॉस्पिटल में दिया जाएगा।
इसमें देश के 16 राज्यों के डॉक्टर और विशेषज्ञ भाग लेंगे। इस दौरान 1200 से अधिक रैपिडो कैप्टन प्रशिक्षण के बाद जीवन रक्षक बनेंगे, जो आपातकालीन समय में अपनी सेवाएं देंगे। बता दें कि योगी सरकार द्वारा समय समय पर सीपीआर प्रशिक्षण को स्कूलों और पुलिस ट्रेनिंग प्रोग्राम में दिया जाता है।
जीवन रक्षक बनेंगे सड़क के "सिपाही"
सेक्टम के फाउंडर डॉ. लोकेंद्र गुप्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में देश और प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को रोकने के लिए 27 मई को विश्व इमरजेंसी मेडिसिन दिवस के अवसर पर सोसाइटी ऑफ एक्यूट केयर, ट्रॉमा एंड इमरजेंसी मेडिसिन और मोबिलिटी सेवा प्रदाता रैपिडो मिलकर देशव्यापी और प्रदेशव्यापी सीपीआर और फर्स्ट एड प्रशिक्षण अभियान का आयोजन कर रहे हैं। यह कार्यक्रम न केवल स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि ‘ हर नागरिक एक रक्षक ’ की भावना को भी सशक्त बनाएगा। इस अभियान में देश के विभिन्न 16 प्रमुख शहरों के डॉक्टर्स और विशेषज्ञ भाग लेंगे।
एक मिशन, एक दिन और एक राष्ट्र की परिकल्पना पर आधारित होगा प्रशिक्षण अभियान
योगी सरकार का यह मानना है कि प्रदेश की सड़कों पर मौजूद ये कैप्टन सड़क दुर्घटना जैसी आपात स्थितियों में सबसे पहले मौके पर पहुंचने वाले व्यक्ति हो सकते हैं। यदि उन्हें समय पर सीपीआर और प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण दिया जाए, तो वे अनगिनत जिंदगियां बचा सकते हैं। बता दें कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार भारत में हर साल 1.5 लाख से अधिक लोग सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाते हैं।
इसलिए जरूरी है सीपीआर
सीपीआर एक ऐसी तकनीक है,जो किसी व्यक्ति के दिल की धड़कन या सांस रुकने की स्थिति में दी जाती है और इससे तुरंत ऑक्सीजन की आपूर्ति मस्तिष्क तक बनी रहती है। अगर 3 से 5 मिनट के भीतर सीपीआर दिया जाए, तो पीड़ित की जान बचाई जा सकती है। इस प्रशिक्षण से रैपिडो कैप्टन सड़कों पर एक चलती-फिरती सुरक्षा इकाई बन जाएंगे।
प्रशिक्षण में यह दिखाया जाएगा
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