निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों का प्रान्त व्यापी प्रदर्शन
लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर गुरूवार को लगातार 99वें दिन बिजली कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन जारी रखा। ऑल इंडिया इलेक्ट्रिसिटी कन्ज्यूमर्स एसोसिएशन के दिल्ली में हुए राष्ट्रीय सम्मेलन में निजीकरण के विरोध में संघर्षरत उप्र के बिजली कर्मचारियों का पुरजोर समर्थन किया गया।
ऑल इंडिया इलेक्ट्रिसिटी कन्ज्यूमर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने किया। सम्मेलन में 14 प्रान्तों के बिजली उपभोक्ताओं के संगठन सम्मिलित हुए। सम्मेलन में एक प्रस्ताव पारित कर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के निर्णय को निरस्त करने की मांग की गई।
सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया कि बिजली उपभोक्ताओं खासकर घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों के व्यापक हित में उप्र में बिजली के निजीकरण का विरोध किया जायेगा। इस के लिए प्रदेश भर में बिजली कर्मचारियों के साथ उपभोक्ताओं की संयुक्त रैलियां करने का कार्यक्रम बनाया जाएगा।
ऑल इंडिया इलेक्ट्रिसिटी कन्ज्यूमर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष स्वपन घोष और महामंत्री वेणुगोपाल ने कहा कि निजी क्षेत्र मुनाफे के लिए काम करता है जबकि सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली वितरण कंपनियां सेवा के लिए कार्य कर रही हैं। उप्र में बहुत महंगे बिजली क्रय करार होने के बावजूद उप्र में घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली का टैरिफ निजी क्षेत्र की दिल्ली, मुंबई, कोलकाता की कंपनियों की तुलना में कम है। उन्होंने बिजली उपभोक्ताओं का आह्वान किया कि वे निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों के साथ खुलकर सड़कों पर आए।
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