केजीएमयू; जटिल आपरेशन कर मरीज को दिलाई दोबारा रोशनी
सड़क हादसे में आंख क्षतिग्रस्त होकर नाक की हड्डी के नीचे फंसी
लखनऊ। जिस दृश्य को देखकर आम आदमी के रोंगटे खड़े हो जाते हैं और वह देखने की भी हिम्मत नहीं जुटा पाता है,उस दृश्य को डॉक्टर न सिर्फ देखते हैं बल्कि सावधानी के साथ उपचार भी करते हैं और मरीज को मौत के मुंह से निकालते हैं,शायद इसीलिए इन्हें धरती का भगवान कहा जाता है। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के डॉक्टरों ने एक बार फिर अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की है।
लखनऊ निवासी 74 वर्षीय बुर्जुग का एक सड़क दुर्घटना में गम्भीर रूप से घायल हो गया था। डाक्टरों के मुताबकि दुर्घटना में इनकी दाई आंख बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। आंख अपने स्थान से खिसककर, नाक की हड्डी को तोड़ते हुए नाक के नीचे आ गई। डाक्टरों की टीम ने ट्रॉमा सेंटर में आरंभिक उपचार के बाद रोगी को नेत्र रोग विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया। यहां परीक्षण पर पाया गया कि दाई आंख और फलक फट गई है और यह आंख अपने स्थान से खिसक गई है। हालांकि स्थिति को देखते हुए विभागाध्यक्ष नेत्र रोग प्रो अपजीत कौर ने बताया कि यह एक जटिल शल्य चिकित्सा थी। इसमें रोशनी को प्रभावित किए बिना शल्य क्रिया को पूरा करना था। चिकित्सकों ने अपनी कौशलता का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करते हुए शल्य क्रिया को पूर्ण किया।
इसके लिए एक टीम बनाई गई। जिसमें नाक कान गला विभाग से डा वीरेंद्र वर्मा, निश्चेतना से डा मनीष कुमार सिंह एवं अन्य चिकित्सकों में डा निभा मिश्रा, डा नीरज कुमार यादव और डा अंजली गुप्ता रही । प्रो अपजीत ने बताया रोगी अब पहले से ठीक है। आंख को इसके निश्चित स्थान पर स्थापित कर दिया गया है। आंख की गति एवम रोशनी धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। इस दौरान कुलपति किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रो सोनिया नित्यानंद ने सफल शल्य चिकित्सा के लिए पूरी टीम को बधाई दी है।
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